10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता दर में पश्चिम बंगाल टॉप पर, बिहार सबसे पिछड़ा

इस रिपोर्ट के अनुसार छोटे राज्यों की श्रेणी में केरल ने शीर्ष स्थान हासिल किया है जबकि झारखंड सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा है. जिन चार श्रेणियों में क्षेत्रों को विभाजित किया गया है वह बड़े राज्य, छोटे राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर हैं.

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यह जानकारी इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के द्वारा किये गये अध्ययन में सामने आई है.
नई दिल्ली:

देश में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में साक्षरता दर (literacy index) की सूची में  बड़े राज्यों की श्रेणी में पश्चिम बंगाल (West Bengal) सबसे ऊपर है. इस सूची में कमजोर प्रदर्शन करके बिहार (Bihar) सबसे नीचे रहा है. यह जानकारी इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस' की ''आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक'' पर किये अध्ययन में सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार छोटे राज्यों की श्रेणी में केरल ने शीर्ष स्थान हासिल किया है जबकि झारखंड सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा है. जिन चार श्रेणियों में क्षेत्रों को विभाजित किया गया है वह बड़े राज्य, छोटे राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर हैं.

‘इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस' द्वारा ‘आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक' के संबंध में रिपोर्ट तैयार की गई इस रिपोर्ट की जानकारी प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने जारी की है. देबरॉय ने कहा, ''सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने की चुनौती कठिन है, फिर भी इसे हासिल करना असंभव नहीं है.''

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ईएसी-पीएम ने बयान में कहा, ‘‘शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र क्रमशः केरल (67.95) और पश्चिम बंगाल (58.95) क्रमश: छोटे और बड़े राज्यों में हैं. लक्षद्वीप (52.69) और मिजोरम (51.64) क्रमशः केंद्र शासित प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्य श्रेणी में शीर्ष अंक हासिल करने वाले क्षेत्र हैं. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में सबसे नीचे है, जबकि अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर श्रेणी में सबसे आखिरी पायदान पर है.''

बयान के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दस साल से कम उम्र के बच्चों में मूलभूत शिक्षा की समग्र स्थिति की समझ स्थापित करते हुए ‘आधारभूत साक्षरता और गणना पर सूचकांक' इस दिशा में पहला कदम है.

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सूचकांक में 41 संकेतकों वाले पांच स्तंभ शामिल हैं. पांच स्तंभ हैं - शैक्षिक बुनियादी ढांचा, शिक्षा तक पहुंच, बुनियादी स्वास्थ्य, सीखने के परिणाम और शासन. बयान के मुताबिक ''पांच स्तंभों में से यह देखा गया है कि राज्यों ने शासन में विशेष रूप से खराब प्रदर्शन किया है. राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक ने राष्ट्रीय औसत यानी 28.05 से नीचे अंक हासिल किए हैं.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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