पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का एक दल रविवार को कोलकाता में वहां के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर से मिला और मांग की कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मेडिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. बीजेपी के सांसद अर्जुन सिंह ने इस मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया कि 'ममता बनर्जी ने पहले इसे हमला बताया, फिर एक्सीडेंट और आज उन्होंने रैली निकाली है. उनकी मेडिकल रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए, क्योंकि हमें शक है कि डॉक्टरों पर दबाव डाला गया था.'
बीजेपी नेताओं के दल ने CEO को इस संबंध में एक चिट्ठी भी सौंपी. बीजेपी के राज्य इकाई की ओर से लिखे गए इस लेटर में कहा गया है कि 'पॉलिटिकल माइलेज के लिए इस कथित हमले का फायदा उठाया गया है. भारतीय चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट में हमले की आशंकाओं को खारिज किया है. ऐसा लगता है कि तृणमूल कांग्रेस और इसके कैडरों ने मुख्यमंत्री को लगी कथित चोट, जो कि हमदर्दी बटोरने और राज्य में हिंसा भड़काने के लिए खुद से लगाई गई लगती है, का फायदा उठाने की कोशिश की है.'
लेटर में यह भी कहा गया है कि हमले के लिए टीएमसी की ओर से बीजेपी पर आरोप लगाया जाना चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है और 'यह जरूरी है कि यह सच सामने लाया जाए, जिससे कि ऐसी घटनाएं लोगों को धोखा देने और उनके मत के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश फिर न करें.'
बता दें कि बीजेपी की यह मांग तब आई है, जब ममता बनर्जी रविवार को ही कोलकाता के हाजरा में रोडशो कर रही थीं. बनर्जी हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थीं जबकि सुरक्षाकर्मी उनके व्हीलचेयर को पकड़ कर आगे बढ़ा रहे थे. बनर्जी ‘नंदीग्राम' दिवस के मौके पर मायो रोड से हाजरा मोड़ तक पांच किलोमीटर लंबे रोडशो में शामिल हुईं.
ममता की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग का कहना है कि यह हमला नहीं, हादसा था. शुक्रवार को रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए बैठक की थी. आयोग ने कहा कि यह हादसा उनके सुरक्षाकर्मियों की चूक की वजह से हुआ है.