पश्चिम बंगाल में कूच बिहार के सीतलकूची में CSIF की गोलीबारी का मामला सियासी तापमान बढ़ा रहा है. अब इस मामले को लेकर चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता राहुल सिन्हा पर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर बैन लगाया है. सिन्हा पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को उकसाने वाले बयान के कारण प्रतिबंध लगाया गया है. इससे पहले सोमवार शाम राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 24 घंटे की रोक लगाई गई थी. बताते चलें कि टीएमसी, राहुल सिन्हा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीलिप घोष पर कूच बिहार की घटना पर भड़काऊ टिप्पणी के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही थी.
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पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आरिज आफताब को लिखे पत्र में टीमएसी ने कहा था कि BJP नेता दिलीप घोष सहित भाजपा के कई नेता कूच बिहार जैसी और घटनाओं की चेतावनी देकर हिंसा ‘‘भड़का'' रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिन्हा ने कहा था कि केंद्रीय बल धांधली रोकने के अपनी कोशिशों के तहत जरूरी हो तो चार से ज्यादा आठ लोगों को मार सकते हैं. इसके बाद तृणमूल सुप्रीमो बनर्जी ने सिन्हा के बयान पर हैरानी जताते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा था कि कुछ नेता सीतलकूची जैसी और घटनाओं की चेतावनी दे रहे हैं जबकि कुछ नेता कह रहे हैं कि मृतकों की संख्या ज्यादा होनी चाहिए. मैं इस तरह की प्रतिक्रिया देखकर स्तब्ध और हैरान हूं. आखिर नेताओं को क्या हो गया है.
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के बीच कूच बिहार के सीतलकूची में स्थानीय लोगों के कथित हमले के बाद CISF जवानों द्वारा की गई गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे. आरोप है कि भीड़ में शामिल लोगों ने CISF जवानों से उनकी राइफलें छीनने की कोशिश की थी.
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