UP Assembly Elections 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज उत्तर प्रदेश में जीत को लेकर विश्वास व्यक्त किया. इससे पहले यूपी को लेकर अमित शाह ने कहा था कि यह देश के भाग्य का फैसला करेगा. उन्होंने मुख्य प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा गढ़े गए विपक्षी गठबंधन को "दो लड़कों का खेल" कहकर खारिज कर दिया. समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में पीएम मोदी ने संकेत दिया कि इस बार सपा के साथ गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ जाट नेता जयंत चौधरी को भी अंत मे उन्हीं के समान परिणाम देखने होंगे. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के राहुल गांधी के बीच गठजोड़ का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि, उसे पांच साल पहले बीजेपी ने कुचल दिया था. उन्होंने कहा, "उनमें इतना अहंकार था कि उन्होंने 'गुजरात के दो गधे' शब्दों का इस्तेमाल किया. उत्तर प्रदेश ने उन्हें सबक सिखाया."
प्रधानमंत्री ने विपक्ष की अस्थिरता के संदर्भ में आगे कहा "दूसरी बार उनके साथ "दो लड़के" और एक "बुआ-जी" थे, फिर भी यह उनके लिए कारगर नहीं था."
उन्होंने सपा प्रमुख पर "फर्जी समाजवाद" और "वंशवादी" ताना-बाना अपनाने का आरोप दोहराया. उन्होंने कहा कि दोनों वास्तव में एक ही हैं. वंशवादी राजनीति को "लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन" बताते हुए उन्होंने कहा, "नकली समाजवादी परिवारवाद (वंशवादी सत्ता) को दर्शाता है."
उन्होंने कहा, "जब मैं नकली समाजवाद की बात करता हूं, तो यह वंशवाद के बारे में है. क्या आप लोहिया जी, जॉर्ज फर्नांडीस, नीतीश कुमार के परिवारों को देख सकते हैं? वे समाजवादी हैं."
उत्तर प्रदेश में कल पहले चरण का मतदान होना है. किसानों के संभावित विरोध की अटकलों के बीच पहले चरण का चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर होगा. किसानों का एक बड़ा हिस्सा जाट समुदाय का है, जिन्होंने 2017 में बीजेपी को वोट दिया था, जिसने पार्टी को 58 में से 53 सीटें दी थीं.
राज्य में सत्ता विरोधी लहर की अटकलों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी पांच राज्यों में 'प्रो इनकम्बेसी' है. उन्होंने इस सिद्धांत को खारिज कर दिया गया है कि उत्तर प्रदेश में लगातार चुनावों में कोई पार्टी जीत नहीं दोहरा सकती है.
पीएम मोदी ने कहा, "हम 2014 में जीते थे. इसके बाद हमें 2017 और 2019 में (सत्ता के लिए) वोट दिया गया था. इसलिए पुराने सिद्धांत को यूपी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने हमें 2014, 2017 और 2019 में स्वीकार किया. वे हमारे काम को देखकर 2022 में हमें स्वीकार करेंगे."