हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने मांगों को मनवाने के लिए किसानों के ‘‘तौर तरीकों'' की बृहस्पतिवार को आलोचना करते हुए कहा कि वे आक्रमण करने जा रही एक सेना की तरह दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसान सेना की तरह ट्रैक्टर ट्रॉली, अर्थ-मूवर और एक साल का राशन लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
खट्टर ने किसानों के ‘दिल्ली चलो' के आह्वान पर कहा, ‘‘हमें उनके तरीके पर आपत्ति है. हमें उनके दिल्ली जाने पर कोई आपत्ति नहीं है. ट्रेन, बस और उनके अपने वाहन हैं. लेकिन ट्रैक्टर परिवहन का कोई साधन नहीं है. यह एक कृषि उपकरण है.'' पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करने के वास्ते शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.
किसान नेताओं ने कहा कि वे केंद्र सरकार के साथ बैठक होने तक दिल्ली की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई केंद्र के प्रस्तावों के आधार पर तय की जाएगी. खट्टर ने अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के पहले के आंदोलन का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाला और कई लोगों को परेशानी पहुंचायी.
उन्होंने किसानों के ‘दिल्ली चलो' आह्वान पर एक सवाल पर कहा, ‘‘आज भी कई वीडियो हैं जिसमें लोग अपील कर रहे हैं कि उन्हें (किसानों) रुक जाना चाहिए क्योंकि उनके कारोबार पर असर पड़ेगा.''
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें उनके (किसानों) तरीके पर आपत्ति है.'' खट्टर ने कहा कि हर किसी को राष्ट्रीय राजधानी जाने का लोकतांत्रिक अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कैसे जाना है, क्या उद्देश्य है? इन चीजों को दिमाग में रखना चाहिए.'' तीन केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में एक बैठक के सवाल पर खट्टर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कोई रास्ता निकलेगा.
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