गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट का सफलता पूर्वक परीक्षण कर लिया गया है. इसके साथ ही भारत ने अंतरिक्ष जगत में एक बार फिर इतिहास रचन दिया है. इस मौके पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि मुझे गगनयान टीवी-डी1 मिशन की सफल परीक्षण की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है. हमने इस लॉन्चिंग के साथ एक बार फिर इतिहास रच दिया है. इस मिशन का उद्देश्य क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करना है.
नॉमिनल लिफ्ट ऑफ प्रोसेस न होने के चलते किया गया था होल्ड
एस सोमनाथ ने कहा कि हमने टेस्ट फ्लाइट को सुबह 8 बजे लॉन्च की योजना बनाई थी, लेकिन मौसम की खराबी के चलते से इसे 45 मिनट बढ़ाकर 8.45 किया गया. इस दौरान नॉमिनल लिफ्ट ऑफ प्रोसेस न होने के चलते हमें होल्ड करना पड़ा. यह मॉनिटरिंग एनोमली की वजह से हुआ. मॉनिटरिंग में गड़बड़ी के कारण परीक्षण रोक दिया गया था. इसके बाद हमने इसका पता लगाया और तुरंत ठीक कर दिया गया.
टेस्ट फ्लाइट का लिफ्ट-ऑफ दूसरे प्रयास में सफल
उन्होंने कहा कि गड़बड़ी के कारण लिफ्ट-ऑफ को थोड़ी देर के लिए रोक दिए जाने के बाद दूसरे प्रयास में टेस्ट उड़ान लॉन्च किया गया.
क्रू मॉड्यूल की बरामदगी के बाद मिलेगी आगे की जानकारी
इसरो चीफ ने बताया कि क्रू एस्केप सिस्टम की जांच ट्रायल फ्लाइट के आसमान में जाने के बाद उसका क्रू एस्केप सिस्टम एक्टिव हुआ. जिसकी वजह से क्रू मॉड्यूल और रॉकेट अलग हुआ.इसके बाद क्रू मॉड्यूल के पैराशूट खुले और वह बंगाल की खाड़ी में जाकर लैंड कर गया. इसे रिकवर में भारतीय नौसेना का जहाज और गोताखोरों की टीम लगी हुई है.एस सोमनाथ ने कहा कि समुद्र से क्रू मॉड्यूल की बरामदगी के बाद हम अधिक डेटा और एनालिसिस के साथ वापस आएंगे.
बता दें कि टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग पहले सुबह आठ बजे के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में इसे दो बार टाला गया.
इसको लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, लिफ्ट-ऑफ का प्रयास नहीं हो सका. इंजन इग्निशन नॉमिनल कोर्स में नहीं हुआ है, हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ. व्हीकल सुरक्षित है, हमें यह देखने की जरूरत है कि क्या हुआ. हम जल्द ही वापस आएंगे. जो कंप्यूटर फंक्शन रहा है उसने लॉन्च रोक दिया है. हम इसे ठीक करेंगे और जल्द ही लॉन्च शेड्यूल करेंगे.''