"प्रयासों से प्रदूषण नियंत्रण में मिल रही है सफलता..": NDTV से बोले CAQM के  सदस्य सचिव

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल ने बताया कि स्टबल और इंडस्ट्रीज को लेकर राज्यों से अब तक हमने पंजाब, हरियाणा और यूपी से 7 बार रिव्यू मीटिंग की है. GRAP को लेकर भी समय-समय पर रिवाइज किया जाता है.

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नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई इलाकों में बढ़ता प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल ने प्रदूषण को लेकर एनडीटीवी से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि अक्टूबर से जनवरी तक के क्लाइमेटिक कंडीशन और मेटेरियोलॉजिकल कंडीशन थोड़ी खराब हो जाती हैं. लेकिन हमारे किए गए प्रयासों से प्रदूषण कंट्रोल में आया है.

अरविंद नौटियाल ने कहा कि हमने इसको लेकर कई एक्शन लिए हैं. जिसमें इंडस्ट्रीज में क्लीन फ्यूल का यूज होना शामिल है. इसको लेकर 1 जनवरी 2023 की डेडलाइन रखी थी. दिल्ली एनसीआर के 8 हजार में 3 हजार इंडस्ट्रीज जो डीजल यूज करते थे, उनको क्लीनर फ्यूल पर शिफ्ट किया है. इससे सुधार देखने को मिला है.

उन्होंने बताया कि कोयला इंडस्ट्रीज पूरी तरह से बैन हो गया है. हमने पीएनजी इंफ्रा के लिए काम किया है. इसके लिए 240 इंडस्ट्रीज में गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई है. अब 20 या 30 एरियाज ही बचे हैं, जहां पीएनजी को लेकर काम चल रहा है. साथ ही डीजी सेट्स के एमिशन को लेकर एमिशन कंट्रोल डिवाइसेज लगवाए हैं. इससे 50 से 60% एमिशन्स में कमी आती है. इसको लेकर 31 दिसंबर की डेडलाइन तय किया है. सारे डीजी सेट्स को उसमें कन्वर्ट होना है. 

अरविंद नौटियाल ने बताया कि 2018 से लेकर अब तक के अक्टूबर में इस साल  AQI बेहतर हुआ है. तीन मौकों पर ही हम इस साल अक्टूबर में 'AQI बहुत खराब' में पहुंची है. पहले 'बहुत खराब' 6 से 7 दिनों तक औसतन रहता था. तो अब तक का बेस्ट एवरेज इस अक्टूबर में रहा है.

उन्होंने बताया कि पराली जलाने की स्थिति भी पहले से बेहतर हुई है. पराली के ट्रेंड में कमी आई है. अक्टूबर के पुराने वक्त से 55% कम पराली जलाने की घटना रिपोर्ट हुई है. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि 80 हजार पंजाब के फायर इंसीडेंट 2021 में घटकर 70 हजार, 2022 में 50 हजार हुए. इस साल हमारा टारगेट 25 हजार के अंदर रखने का है.

नौटियाल ने बताया कि स्टबल और इंडस्ट्रीज को लेकर राज्यों से अब तक हमने पंजाब, हरियाणा और यूपी से 7 बार रिव्यू मीटिंग की है. GRAP को लेकर भी समय-समय पर रिवाइज किया जाता है. पिछले साल GRAP 4 लगाने की नौबत नहीं आई थी. प्रयास से ही ये संभव हो पाया है. वहीं इस बार भी कोशिश रहेगी कि GRAP 3 देरी से लगे और नौबत GRAP 4 की ना आए.

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