केरल के वायनाड में आई आपदा से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने हर संभव प्रयास किये. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 1200 से अधिक कर्मी आपदा प्रभावित लोगों की मदद करने में जुटे हैं. इधर, करोड़ों रुपये की मदद भी केंद्र सरकार की ओर से भेजी जा चुकी है. इस दौरान कई जिंदगियों को बचाया गया. अब भूस्खलन प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शनिवार) वायनाड के दौरे पर हैं. प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, राहत एवं पुनर्वास के लिए चलाए जा रहे कार्यों को देखेंगे, राहत शिविर और अस्पताल जाकर पीड़ितों से मुलाकात करेंगे और राहत, बचाव एवं पुनर्वास को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे.
अब तक 226 लोगों की हुई मौत
वायनाड जिले में 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 226 लोगों की मौत हो गई थी. क्षेत्र में कई लोग अब भी लापता हैं. 30 जुलाई को लगातार और भारी बारिश के कारण, वायनाड जिले के मुंडक्की, चूरलमाला, वेल्लारीमाला गांव में एक बड़ा भूस्खलन हुआ. मोदी सरकार ने स्थिति का जायजा लिया और घटना स्थल पर बचाव और राहत अभियान के लिए एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना, अग्निशमन सेवाओं, नागरिक सुरक्षा सहित 1200 से अधिक बचावकर्मियों की तैनाती के माध्यम से तुरंत कार्रवाई की.
सेना ने वायनाड में 190 फुट का बेली ब्रिज बनाया
लैंडस्लाइड में घायल हुए लोगों को चिकित्सा सहायता और उपचार के लिए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ 100 से अधिक एम्बुलेंस तैनात की गईं. भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फुट का बेली ब्रिज बनाया, जो भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है. इस पुल का निर्माण केवल 71 घंटों में पूरा हो गया, जिससे पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण फंसे हुए लगभग 200 लोगों को बचाने के लिए भारी वाहनों और मशीनरी को तैनात करने की अनुमति देकर बचाव अभियान में काफी वृद्धि हुई. अब तक, एनडीआरएफ बचाव टीमों द्वारा कुल 30 लोगों को बचाया गया है, 520 लोगों को निकाला गया है और 112 शव निकाले गए हैं.
बीते 5 सालों में 1200 करोड़ रुपये...
केंद्र सरकार द्वारा राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का गठन किया गया है. टीम 8 से 10 अगस्त तक प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है. केरल को राहत राशि प्रदान करने के लिए केंद्र द्वारा समय पर हस्तक्षेप किया गया. केंद्र ने आपदा की चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए समय पर धन का प्रावधान करके केरल को हमेशा मदद का हाथ बढ़ाया है. इस साल 1 अप्रैल को केरल एसडीआरएफ खाते में करीब 395 करोड़ रुपये थे. चालू वर्ष के लिए एसडीआरएफ के केंद्रीय हिस्से की 145.60 करोड़ रुपये से अधिक की पहली किस्त 31 जुलाई को अग्रिम रूप से जारी की गई थी. पिछले 5 वर्षों में कुल लगभग रुपये कुल राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष में से मोदी सरकार ने एसडीआरएफ में केंद्र के हिस्से के रूप में 1200 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
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