गैंग्स ऑफ वासेपुर की क्या है असली कहानी? कैसे फैजल खान की तरह फहीम खान की अपराध की दुनिया में हुई थी एंट्री

फहीम खान के जेल जाते ही उनकी सल्तनत को बेटे इकबाल और प्रिंस के हाथों मे आ गई. दोनों ने डॉन की उसी सल्तनत को बरकरार रखा पर पैसे और रंगदारी के हिस्से को लेकर करीब ग्यारह सालों से फहीम खान और उसकी बहन तथा भांजे आमने-सामने हो गए. अब फहीम खान के लिए भांजा प्रिंस खान सबसे बड़ा दुश्मन बन बैठा है.

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  • फहीम खान की गैंगस्टर बनने की कहानी उसके पिता और भाई की हत्या से शुरू हुई थी. अपनी मां के कहने पर ही उसने बंदूक़ हाथ में उठाई थी.
  • फहीम खान आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि उसका भांजा प्रिंस खान सक्रिय है और अब मामा और भांजा दोनों के बीच दुश्मनी हो गई है
  • प्रिंस खान पर रंगदारी, हत्या और अपहरण के 91 मामले दर्ज हैं, इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है.
  • वासेपुर में मामा-भांजे के बीच दुश्मनी के चलते कई कारोबारी रंगदारी के शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं कई कारोबारी तो डर के मारे पलायन कर चुके हैं.
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धनबाद:

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर पार्ट-2 में एक डायलॉग है- "बाप का... दादा का... सबका बदला लेगा तेरा फैजल". फहीम खान के अतीत को जानने वाले भी फहीम के वास्तविक जीवन को इसी डायलॉग के इर्द-गिर्द पाते हैं. फहीम खान के गैंगस्टर बनने की कहानी के पीछे उसके पिता और भाई की हत्या को माना जाता है. लोग बताते हैं कि पिता शफी खान और भाई शमीम खान की हत्या के कारण ही मां नाजमा के कहने पर फहीम खान ने हथियार उठाया था. बाद में वह वासेपुर का डॉन बन गया.

जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा फहीम

फिलहाल, फहीम खान आजीवनकरवास की सजा काट रहें हैँ पर उनका भांजा प्रिंस खान पुलिस को नाको चना चबा कर रखा हुआ है. प्रिंस के खिलाफ इंटरपोल ने रेड एंड ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है. उस पर रंगदारी, हत्या और अपहरण के 91 मामले दर्ज़ हैं और लगातार पुलिस उनके गुर्गो को एक एक कर गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज रही है. प्रिंस दुबई से बैठ कर अभी भी झारखंड के व्यवसाईयों से रंगदारी वसूली अपने गुर्गो से करवा रहा है.

वासेपुर और नया बाजार गैंग में खूनी संघर्ष का इतिहास

वासेपुर और नया बाजार गैंग में खूनी संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. यहां हत्यायों के प्रतिशोध में कई हत्याएं हुई हैं. वर्ष 1990 और 2000 के दशक में फहीम खान पर कई हत्याओं के आरोप लगे. इन्हीं में से एक सागिर की हत्या के मामले में फहीम खान को जून 2011 में सजा हो गई. इसके बाद से वह जेल में ही है. फहीम खान की उम्रकैद की सजा सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखी है. लिहाजा वह कभी भी जेल से बाहर नहीं आएगा. 

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इस तरह मामा-भांजे में हुई दुश्मनी

फहीम खान के जेल जाते ही उनकी सल्तनत को बेटे इकबाल और प्रिंस के हाथों मे आ गई. दोनों ने डॉन की उसी सल्तनत को बरकरार रखा पर पैसे और रंगदारी के हिस्से को लेकर करीब ग्यारह सालों से फहीम खान और उसकी बहन तथा भांजे आमने-सामने हो गए. अब फहीम खान के लिए भांजा प्रिंस खान सबसे बड़ा दुश्मन बन बैठा है. भांजे प्रिंस ने कई बार वीडियो जारी कर फहीम खान को ललकारा है. मामा-भांजों की दुश्मनी में कई कारोबारियों को कोपभाजन का शिकार बनना पड़ रहा है. छोटे सरकार उर्फ़ प्रिंस के आने के बाद वासेपुर में जंग का रंग थोड़ा बदल गया है. कोयला, लोहा और जमीन के लिए शुरू हुई जंग अब रंगदारी वसूली की जंग में तब्दील हो गई है. वासेपुर को जानने वाले बताते हैं कि 80 के दशक में वासेपुर में रेलवे का लोहा और स्क्रैप के धंधे के लिए खून बहते थे. 90 के दशक के बाद यहां जमीन के टुकड़ों के लिए लोग विरोधियों के टुकड़े करने लगे.

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लोगों में प्रिंस की गैंग का खौफ

हाल के कुछ महीनों से वासेपुर में रंगदारी के लिए फहीम खान और उसके भांजों में ठनी हुई है. कारोबार कोई भी हो प्रिंस खान को रंगदारी चाहिए. कोयला, जमीन, रियल एस्टेट हो या फिर कोई पेशागत फायदेमंद व्यवसाय, प्रिंस खान को आमदनी वाले हर आदमी से रंगदारी चाहिए. विदेश में छिप कर बैठा प्रिंस खान अपने मामा फहीम खान के करीबियों को सबसे ज्यादा निशाना बना रहा है. फहीम के फाइनेंसर माने जाने वालों से प्रिंस ने सबसे पहले रंगदारी मांगनी शुरू की. मछली कारोबारी, ईस्ट बसुरिया के एक आउटसोर्सिंग संचालक के अलावा कई बड़े जमीन कारोबारी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो फहीम खान के राजदार हैं. उनसे चुन-चुन कर प्रिंस रंगदारी मांग रहा है जिसने नहीं दी उसको ठिकाने लगाने का काम उसके गुर्गे कर रहें हैँ. आलम यह है कि प्रिंस खान के दहशत के कारण धनबाद से कई बड़े व्यवसाई से लेकर उद्योगपति अपने कारोबार बंद कर पलायन कर चुके हैँ. प्रिंस के जुबान पर बस एक ही शब्द गूंजता है "एक ही जान है अल्लाह ले ले या मोहल्ला."

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प्रिंस के भाई ऋतिक के पीछे भी पुलिस

गैंग्स ऑफ वासेपुर के मोस्ट वांटेड प्रिंस खान पर एक ओर जहां इंटरपोल का शिकंजा है तो वहीं दूसरी ओर, झारखंड पुलिस ने उसके भाई ऋतिक खान के घर कुर्की जप्ती की है. ऋतिक खान पर वर्ष 2019 में आर्म्स एक्ट के तहत दो मामले दर्ज हैं. उस पर अवैध हथियार रखने और अपने भाई प्रिंस खान गैंग की आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं. पुलिस के लगातार दबिश के कारण ऋतिक और प्रिंस खान पुलिस को चकमा देकर फरार हैँ, जिसके कारण उसे भगोड़ा घोषित किया गया है. हालांकि, ऋतिक के बारे मे बताया जाता है की वह यूपी और बिहार के बॉर्डर से ही अपने भाई प्रिंस के इशारे पर पुरे गैंग को ऑपरेट करता.

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इंटरपोल ने प्रिंस के खिलाफ जारी किया है रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस

आपको बता दें कि झारखंड के वासेपुर के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर प्रिंस खान के खिलाफ इंटरपोल ने रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है. इसकी सूचना यूएई और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को दी गई है. धनबाद पुलिस की अपील पर सीबीआई ने प्रिंस खान की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से सहायता मांगी थी. पुलिस ने जो सूचना जुटाई है, उसके मुताबिक प्रिंस खान दुबई या शारजाह में छिपा है और वहीं से धनबाद कोयलांचल में गैंग ऑपरेट कर रहा है. इस पूरे गैंग का देख रेख ऋतिक के कंधे पर है. उसके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस धनबाद में फायरिंग के एक केस के सिलसिले में जारी किया है. जबकि ब्लू कॉर्नर नोटिस उसके खिलाफ पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) द्वारा एक दूसरे केस में की जा रही जांच के संदर्भ में जारी किया है. आपको बता दें कि प्रिंस खान को गिरफ्तार कराने वाले को 50 हज़ार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया है.

91 मामलों में प्रिंस के पीछे झारखंड-बिहार की पुलिस

ऋतिक के बड़े भाई प्रिंस खान के खिलाफ झारखंड और बिहार के विभिन्न थानों में 91 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. इसमें से 69 मामले गंभीर प्रकृति के हैं. 31 मामलों में पुलिस प्रिंस के खिलाफ न्यायालयों में चार्जशीट दायर कर चुकी है जबकि 14 कांडों में आरोप गठन कर उसके खिलाफ ट्रायल चल रहा है. एक मामले में फरारी में ही उसे तीन साल की सजा हुई, जबकि 45 मामलों में उसके खिलाफ पुलिस की तफ्तीश जारी है.

कुछ दिन पहले ही पुलिस ने प्रिंस की गैंग के 9 अपराधियों को किया गिरफ्तार

एक सप्ताह पहले ही धनबाद पुलिस ने प्रिंस खान गिरोह के 9 अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो शहर में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. पुलिस ने इनके पास से हथियार, जिंदा कारतूस और मोबाइल फोन बरामद किए हैं. पूछताछ में अपराधियों ने रंगदारी वसूलने और प्रिंस खान के लिए काम करने की बात कबूल की थी. गिरफ्तार किए गए अपराधियों को जेल भेजने से पहले पुलिस ने एक खास परेड कराई थी.

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