वक्फ संशोधन बिल 2025 अब राज्यसभा में भी पारित हो गया है. इससे पहले इस बिल को लोकसभा में भी पारित किया जा चुका है. राज्यसभा में बिल के पारित होने से पहले 12 घंटों से ज्यादा की मैराथन चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े जबकि 95 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट किया. इस बिल पर चर्चा के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा की गई टिप्पणी अब चर्चाओं में है. दरअसल,सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि मैं किसान का बेटा हूं. और इस देश का किसान किसी से नहीं डरता है. सदन की कार्यवाही के दौरान ही मणिपुर में फरवरी में लगाए गए राष्ट्रपति शासन पर संवैधानिक संकल्प को लेकर भी चर्चा हुई.
यह प्रस्ताव केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया. इस मुद्दे पर सदन में घंटे भर से ज्यादा की चर्चा चली. हालांकि, जब अमित शाह ने संकल्प को लेकर चर्चा की बात कही तो उस दौरान नेपा विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुरोध किया कि यह चर्चा सदन की अगली बैठक में कराई जा सकती है. इसके पीछे उनका तर्क था कि अब रात काफी हो चुकी है.
कांग्रेस नेता ने इसे लेकर कुछ टिप्पणी की, जिसे सभापति ने तत्काल सदन की कार्यवाही से हटा दिया. उन्होंने खरगे की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि भारत का किसान और किसान का बेटा किसी से नहीं डरता, किसी भी परिस्थिति में वह नहीं डरता है. इसके बाद खरगे ने संवैधानिक संकल्प पर चर्चा की शुरुआत की. कुछ ही देर बाद, अभी खरगे बोल ही रहे थे कि सभापति आसन से उठकर जाने लगे और उपसभापति हरिवंश उनकी जगह पर कार्यवाही का संचालन करने के लिए आए. इस पर खरगे ने सभापति से कहा कि सर, अगर आप चले गए तो हमारा पूरा जोश चला जाएगा. खरगे की इस टिप्पणी पर उपसभापति हरिवंश ने हंसते हुए सवाल किया कि मेरे आने पर जोश कम हो गया?
इसके जवाब में खड़गे ने सत्ता पक्ष के सदस्यों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि नहीं, आपका फिक्स है. एक बार आप बैठते हैं तो फिर उधर ही देखते हैं.इस पर उपसभापति ने कहा कि मैं आपको ही देखता हूं. इस बिल पर चर्चा के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा की गई टिप्पणी अब चर्चाओं में है. दरअसल,सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की एक टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि मैं किसान का बेटा हूं.