नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम मामले में गिरफ्तार व्यापमं घोटाले के व्हिस्लब्लोअर डॉ. आनंद राय की जमानत याचिका पर मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आनंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से 13 जनवरी तक जवाब मांगा है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने ये नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई के दौरान आनंद राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया. याचिका में कहा गया है कि ये मामला और कुछ नहीं, बल्कि एक और मामला है जिसमें आनंद राय के खिलाफ साजिश रची और प्रताड़ित किया है. ये हर संभव अवसर पर बदला लेने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि उन्होंने घोटाले को उजागर किया था. याचिकाकर्ता कानून का पालन करने वाला नागरिक है और न तो किसी के संबंध में किसी न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया है. उनका पूरा पिछला रिकॉर्ड बेदाग है. ये मामले राजनीतिक बदले की भावना से शुरू किए गए हैं.
आनंद राय पर रतलाम में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति प्रताड़ना निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर पिछले साल 15 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था. तभी से वह जेल में हैं. 12 दिसंबर को मध्य प्रदेश की इंदौर बेंच ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.