कांग्रेस (Congress) की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के उत्तर प्रदेश में चलाए गए महिला केंद्रित अभियान "लड़की हूं, लड़ सकती हूं" को बुधवार को उनकी ही पार्टी द्वारा शासित राज्य पंजाब (Punjab) में चुनौती का सामना करना पड़ा. दरअसल, पंजाब के संगरूर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) की रैली के दौरान नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं सहित तमाम शिक्षकों को पुलिस ने घसीटा और जीपों में लादकर ले गई. इस दौरान पुलिस पर महिलाओं के साथ मारपीट व अभद्रता करने का भी आरोप है.
नौकरी पाने में असमर्थ सैकड़ों बीएड टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण उम्मीदवार मुख्यमंत्री के रैली स्थल पर एकत्र हुए थे. इस दौरान वे "चरणजीत चन्नी मुर्दाबाद" और "पंजाब सरकार मुर्दाबाद" के नारे लगाने लगे. इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ने और उनके मुंह पर कपड़े डालने की कोशिश की. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर हिंसक कार्रवाई के वीडियो व फोटो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं.
रैली में विरोध कर रहे लोगों को मुख्यमंत्री के समर्थकों ने घेर लिया. उनमें से एक ने सरकार की आलोचना करने से रोकने के लिए एक प्रदर्शनकारी का मुंह ढंकने की कोशिश की. इसके बाद उसे वहां से ले जाया गया. उसके पीछे अन्य लोग प्रदर्शनकारियों को गर्दन से पकड़कर बाहर ले गए. इनमें से एक युवक को ट्रक में बिठाकर वहां से ले जाया गया. पूरी घटना को पत्रकार और अन्य लोग कैमरे में कैद करते रहे.
क्या कांग्रेस में शामिल होंगे क्रिकेटर हरभजन सिंह? नवजोत सिद्धू ने शेयर की 'संभावनाओं से भरी तस्वीर'
एक वीडियो में तीन पुलिसकर्मियों को एक आदमी को जमीन पर गिराने और उसकी छाती पर घुटने टेकने की कोशिश करते हुए देखा गया.
वीडियो के अंत में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपने संबोधन के लिए मंच पर जाते देखा जा सकता है. दरअसल, वह "औद्योगिक और रोजगार क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए" एक कारखाने की आधारशिला रखने के लिए संगरूर में थे. मुख्यमंत्री ने बाद में रैली की तस्वीरें साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, "लगभग 700 करोड़ की लागत से क्लिंकर ग्राइंडिंग यूनिट स्थापित की जाएगी और इससे हमारे राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे."
यह पहली बार नहीं है जब सीएम चन्नी को प्रदर्शनकारियों से बचाने के लिए पंजाब पुलिस के प्रयासों की आलोचना हुई है. इस महीने की शुरुआत में एक अजीबोगरीब फरमान में पंजाब पुलिस ने अपने अधिकारियों को लाउडस्पीकरों पर भजन और धार्मिक गीत बजाने के लिए कहा था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की उपस्थिति वाले कार्यक्रमों में प्रदर्शनकारियों की आवाज उन तक न पहुंचे. इस निर्देश की भारी आलोचना के बाद अधिकारियों ने इसे "लिपिकीय गलती" का हवाला देते हुए निर्देश को वापस लिया था.
अब अरविंद केजरीवाल ने जालंधर में किए ये दो चुनावी वादे