मुख्य षड्यंत्रकारी और जुलूस में शामिल लोगों के बीच कहासुनी से हुई दिल्ली में हिंसा : रिपोर्ट

आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को आरोप लगाया कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस में हुई हिंसा के लिए बीजेपी जिम्मेदार है.वहीं कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने रविवार को आरोप लगाया कि जहांगीरपुरी में हिंसा खुफिया नाकामी का नतीजा है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां जुलूस के गुस्से को भड़काने की आशंका का अंदाजा नहीं लगा पायीं.

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हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हुई कहासुनी ने पथराव और हिंसा का रूप ले लिया.
नई दिल्ली:

जहांगीरपुर में शनिवार को हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार कथित मुख्य षड्यंत्रकारियों में शामिल एक व्यक्ति और हनुमान जयंती के जुलूस में शामिल लोगों के बीच हुई कहासुनी ने पथराव और हिंसा का रूप ले लिया. हालांकि 35 वर्षीय अंसार की पत्नी का दावा है कि उसके पति निर्दोष हैं और वह हालात को काबू से बाहर होता देख सिर्फ सुलह कराने गए थे. जहांगीरपुरी थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार जुलूस जब शाम करीब छह बजे जहांगीरपुर सी-ब्लॉक के मस्जिद के पास पहुंचा तो वहां कहासुनी हुई.

पुलिस के अनुसार, जहांगीरपुरी निवासी अंसार पहले भी मार-पीट के दो मामलों में लिप्त रहा है, उसे एहतियाती धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है और जुआ तथा हथियार कानूनों के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज है. अंसार की पत्नी सकीना का दावा है कि वह लैपटॉप खरीदने वजीराबाद गये थे और करीब साढ़े छह बजे जोरों की भूख लगी होने की बात कहकर खाना तैयार रखने को कहा था.

पांच बच्चों की मां सकीना ने कहा कि जब वह वजीराबाद से लौटे तो वह उनका खाना लगाने लगी. वह कहती हैं, ‘‘इसी दौरान उन्हें कॉल आया और उन्होंने कहा कि बड़ा झगड़ा हो गया है, खाना अभी रहने दो. उन्होंने कहा कि मामला सुलझाने के लिए उनका वहां होना जरूरी है नहीं तो लोगों की जान चली जाएगी.'' सकीना कहती हैं कि वह अपना फोन लिए बगैर ही मौके पर भागे, लेकिन अब (पुलिस) उन्हें ही दोषी बता रही है.

अंसार की पत्नी ने कहा कि इसी रास्ते से दो बार जुलूस शांति से निकल गया था लेकिन तीसरी बार जब वह आया तो उस वक्त ‘रोजा खोलने' का वक्त था. उसने कहा, ‘‘वे पूरी तैयारी से आए थे, वरना उनके पास डंडे, बोतलें और अन्य चीजें कैसे होतीं. जब वे मस्जिद के सामने पहुंचे तो, उनसे शोर कम करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने शोर जारी रखा। मेरे पति को भी चोटें आयी हैं.''

सकीना ने कहा, ‘‘पुलिसवाले के सामने उन्हें बोतल से मारा गया... मेरे पति निर्दोष हैं। उन्हें फंसाने का साजिश की जा रही है.''प्राथमिकी के अनुसार, जुलूस जहांगीरपुरी के ईई-ब्लॉक से अपराह्न सवा चार बजे निकला और तय रास्ते में कई जगहों से गुजरते हुए शाम करीब छह बजे मस्जिद के बाहर पहुंचा. उसमें कहा गया है कि अंसार चार-पांच लोगों के साथ आया और बहस करने लगा जो बाद में हिंसक हो गया.

जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे भाजपा का हाथ: आप

आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार को आरोप लगाया कि जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के जुलूस में हुई हिंसा के लिए बीजेपी जिम्मेदार है. बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद कि हिंसा आप सरकार द्वारा अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी आव्रजकों को दी जा रही सहायता के कारण हुई है, जिसके बाद आप ने उक्त बयान दिया है. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी आप का कार्यकर्ता है. 

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आम आदमी पार्टी ने एक बयान में कहा कि उसने भी हनुमान जयंती मनाई और ग्रेटर कैलाश में शोभायात्रा भी निकाली, जहां विभिन्न धर्मों के बीच सौहार्द देखने को मिला. अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कहा कि गोल मार्केट में सुन्दरकांड का पाठ भी कराया गया. बयान में सवाल किया गया है, ‘‘ऐसा क्यों है कि आप के आयोजनों में हिंसा नहीं हुई और सिर्फ भाजपा के आयोजनों में हुई.''

खुफिया नाकामी के कारण जहांगीरपुरी में हिंसा हुई : कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने रविवार को आरोप लगाया कि जहांगीरपुरी में हिंसा खुफिया नाकामी का नतीजा है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां जुलूस के गुस्से को भड़काने की आशंका का अंदाजा नहीं लगा पायीं. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि जहांगीरपुरी में झड़पों ने ‘‘दिल्ली का नाम बदनाम कर दिया.''

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उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की खुफिया नाकामी के कारण यह हिंसा हुई, जो हनुमान जयंती के जुलूस के लिए अनुमति मिलने के बाद से ही जहांगीरपुरी में तनावपूर्ण स्थिति का पूर्वाभास नहीं लगा सकी. कुमार ने एक बयान में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और लोगों से हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने उनसे भड़काऊ ट्वीट और सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो से प्रभावित न होने का अनुरोध किया.

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उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस को पिछले 15 दिनों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल और कर्नाटक में रामनवमी की झड़पों से सीख लेनी चाहिए थी और एहतियाती कदम उठाने चाहिए थे ताकि दिल्ली में ऐसी हिंसा फिर से न हो.''
 

VIDEO: दिल्ली में हिंसा के मामले में आरोपी अंसार और असलम को पुलिस हिरासत में भेजा गया

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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