पर्यटन के लिए हमारे PM से बड़ा कोई राजदूत नहीं: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत एक वैश्विक पर्यटन स्थल है, जहां हर मौसम के लिए पर्यटन उपलब्ध है. कहीं प्राकृतिक सुषमा, कहीं ऐतिहासिक वैभव, कहीं आध्यात्मिक अनुभव, कहीं मीनारें, कहीं मंदिर, कहीं बर्फानी पहाड़ कहीं नीले समंदर, ये हिंदुस्तान है- जो इसे देखना, यहां घूमना इसे समझना चाहे, उसके लिए अनंत संभावनाएं हैं.

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नई दिल्ली:

दिल्ली के विज्ञान भवन में विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि पर्यटन शांति और समृद्धि की निशानी है, और खुद प्रधानमंत्री ने इसे भरपूर बढ़ावा दिया है. उपराष्ट्रपति ने पर्यटन को भारत के डिजिटलीकरण मॉडल जैसा मॉडल बनाने का आग्रह किया. देश में पर्यटन को विकसित करने में प्रधानम्नत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका का जिक्र करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा, "पर्यटन के लिए हमारे प्रधानमंत्री से बड़ा कोई राजदूत नहीं हो सकता. उन्होंने लक्षद्वीप में कुछ ही पल बिताए और पूरी दुनिया को इसके बारे में पता चल गया".

विज्ञान भवन में एक राजनयिकों और स्टेकहोल्डर्स को सम्बोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा "जब मैंने मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में श्रीनगर का दौरा किया था, वहां सड़कों पर मुश्किल से एक दर्जन लोग दिखते थे. जबकि पिछले साल दो करोड़ से अधिक लोग पर्यटकों के रूप में कश्मीर आए... यह वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में भारत की बढ़ती हैसियत का प्रमाण है".

दरअसल भारत में पर्यटन बीते कुछ वर्षों में बहुत तेज़ी से एक बड़े उद्योग में बदला है. भारत का मध्य वर्ग पहले से संपन्न हुआ है और वह अपनी छुट्टियां पहाड़ों या समंदर किनारे बिताता दिख रहा है.

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इसी तरह बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विदेशों से भारत आने वाले पर्यटक भी बढ़े हैं. डब्ल्यूटीटीसी के मुताबिक:

  1. 2020 में भारत का पर्यटन उद्योग 75 अरब डॉलर के बराबर था
  2. जो 2027 तक बढ़ कर 125 अरब डॉलर का हो सकता है
  3. 2028 तक भारत में सालाना 3.5 करोड़ पर्यटक आने लगेंगे
  4. अगले 10 साल तक भारत में भारत में पर्यटन उद्योग 7.2 फ़ीसदी की रफ़्तार से बढ़ सकता है
  5. मेडिकल टूरिज़्म और वेलनेस के क्षेत्र में दुनिया के 21 फीसदी सैलानी भारत आते हैं.
  6. इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने पर्यटन को बढावा देने के लिए करीब 2500 करोड़ रुपये दिए हैं.

हम सबसे पुरानी सभ्यता

जगदीप धनखड़ ने कहा कि  "हमें विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपना उचित स्थान लेना होगा क्योंकि हम सबसे पुरानी सभ्यता हैं. इन 10 वर्षों के दौरान हमने पर्यटन के क्षेत्र में marvels तैयार किए हैं. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इस देश की संस्कृति और इतिहास का मिश्रण है. लंबी सुरंगें और पुल बनाए गए हैं. भारत मण्डपम्, यशोभूमि भी तैयार हुए हैं".

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पर्यटन के विकास से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे

आर्थिक तौर पर भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए वित्त मंत्रालय ने जिन अहम सेक्टरों की पहचान की है उसमें पर्यटन भी शामिल है. थिंकटैंक नीति आयोग के सदस्य और जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. अरविन्द विरमानी ने एनडीटीवी से कहा "पर्यटन के विकास से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे, अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा". ये पूछे जाने पर कि भारत में टूरिज्म सेक्टर के पोटेंशियल को वो कैसे देखते हैं और देश में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर को और विकसित करने के लिए नीति आयोग ने क्या नया रोडमैप तैयार किया है, डॉ. अरविन्द विरमानी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टूरिज्म सेक्टर को डेवलप करने के लिए पिछले कई साल से बड़े स्तर पर पहल का सुझाव देते रहे हैं. अब हमने नीति आयोग में एक सर्विसेज वर्टिकल बनाया है...इसी में टूरिज्म सेक्टर को भी शामिल किया जाएगा. टूरिज्म पर ज्यादा अटेंशन देना बेहद जरूरी है भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए".

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हालांकि पर्यटन के इस विकास के साथ एक बड़ी चुनौती पर्यटन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की भी है जिसमें सरकार को बड़े पैमाने पर काम करना होगा.

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