उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने रविवार को कहा कि पुरी जिले में वेदांत विश्वविद्यालय परियोजना के लिए ओड़िशा सरकार द्वारा लगभग 6,000 एकड़ भूमि के आवंटन के पीछे कथित भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई या अदालत द्वारा नियुक्त एसआईटी से कराई जानी चाहिए. यहां संवाददाताओं से बातचीत में भूषण ने आरोप लगाया कि निजी कंपनी को जमीन आवंटित करने में ओडिशा सरकार ने 15 अवैध गतिविधियां की हैं.
वरिष्ठ वकील ने दावा किया, ‘‘इस प्रकार का भ्रष्टाचार उच्च स्तर पर सरकार की मिलीभगत के बिना नहीं किया जा सकता है. इसलिए, इसकी जांच किसी भी पुलिस प्राधिकरण द्वारा नहीं की जा सकती है जो सीधे राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित है. इसकी जांच या तो सीबीआई या अदालत द्वारा नियुक्त एसआईटी से कराई जानी चाहिए.''
इससे पहले दिन में भूषण ने उच्चतम न्यायालय में वेदांता विश्वविद्यालय संघर्ष समिति की जीत का जश्न मनाने के लिए पुरी जिले के बेलाडाला गांव में आयोजित किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि ओडिशा सरकार ने वेदांता विश्वविद्यालय परियोजना के लिए भूमि आवंटन को रद्द करने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद किसानों को भूमि नहीं लौटाई तो वह उसके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर करेंगे.
शीर्ष अदालत ने इस साल अप्रैल में उड़ीसा उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को बरकरार रखा था, जिसने प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए लगभग 6,000 एकड़ जमीन हासिल करने के वास्ते ओडिशा सरकार द्वारा शुरू की गई भूमि अधिग्रहण कार्यवाही को रद्द कर दिया था.
भूषण ने कहा कि राज्य सरकार को प्रभावित किसानों को जमीन लौटाना शुरू कर देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चूंकि जमीन का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ, इसलिए किसानों को उनके भूखंड वापस मिलने चाहिए.
भूषण ने राज्य और केंद्र सरकार द्वारा ओडिशा में विभिन्न कॉर्पोरेट कंपनियों को खदानें आवंटित करने के तरीके की भी निंदा की.
उन्होंने आरोप लगाया कि खदानों का आवंटन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है और अगर यह चलन जारी रहा, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत कम खनिज बचेंगे.
इस अवसर पर कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि प्राकृतिक वनस्पति और जीव-जंतु लोगों के लिए जीवनरेखा की तरह काम करते हैं तथा स्थानीय लोग प्राकृतिक संसाधनों पर अपने अधिकारों को बनाए रखने के लिए लड़ रहे हैं.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता निरंजन पटनायक ने वेदांता समूह का विश्वविद्यालय स्थापित करने के वास्ते उसे 6,000 परिवारों की कृषि भूमि आवंटित करने के लिए राज्य की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की आलोचना की.
वहीं, किसान रैली का आयोजन करने वाले उमाबल्लव रथ ने कहा कि किसानों को उनकी जमीन तुरंत वापस मिलनी चाहिए.
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