ट्रेकर्स के लिए खुली वैली ऑफ फ्लावर्स , 300 प्रकार के फूल, प्राकृतिक सुंदरता से धनी

पहले दिन 49 पर्यटक फूलों की घाटी पहुंचे हैं. जिसमें से 45 पर्यटकों ने ऑफलाइन टिकट तथा 4 पर्यटकों ने ऑनलाइन टिकट लेकर घाटी का दीदार किया. फूलों की घाटी में घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर का है. इस दौरान घाटी में फूल पूरी तरह से खिले होते हैं.

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विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में 300 से अधिक देसी विदेशी फूल खिलते हैं.
चमोली:

उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी (valley of flowers) पर्यटकों के लिए खुल गई है. यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर फूलों की घाटी को पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए रविवार यानी आज से खोला गया है. पहले ही दिन फूलों की घाटी के दीदार करने के लिए कई सैलानी यहां पहुंचे हैं. इस दौरान वन विभाग ने सैलानियों का फूलों की घाटी के मुख्य गेट पर स्वागत भी किया. इस घाटी का दीदार करने के लिए हजारों की संख्या में जून से लेकर अक्टूबर तक सैलानी पहुंचते हैं. जून महीने में 62 सैलानियों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन करवाया है.

वैली ऑफ फ्लावर्स में खिलते हैं 300 से अधिक फूल

  • फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1982 में की गई थी.
  • यह उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है.
  • यह उद्यान 87.50 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. राष्ट्रीय उद्यान में वन क्षेत्र केवल 5.29 वर्ग किलोमीटर है.
  • यह उद्यान गर्मियों में जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है और शेष वर्ष यह बर्फ से ढका रहता है.
  • वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क की वन क्षेत्र अधिकारी चेतना काण्डपाल की अगुवाई में खोला गया है.
  • विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में 300 से अधिक देशी विदेशी फूल खिलते हैं.
  • इस घाटी को ब्रिटिश पर्वतारोही और वनस्पति विज्ञानी फ्रैंक स्मिथ ने खोजा था.
  • घाटी में प्रकृति प्रेमियों को हिमालई फ्लोरा फ्यूना से लेकर प्राकृतिक नजारों का दीदार बेहद नजदीक से होता है.
  • इस वैली में दुर्लभ अल्पाइन फूलों की सैकड़ों प्रजातियों के साथ-साथ बेश कीमती जड़ी बूटियों भी पाई जाती है.

वैली ऑफ फ्लावर्स से जुड़ी जानकारी

पार्क प्रशासन यहां आनेवाले पर्यटकों से प्रवेश शुल्क लेती है. आफलाइन और ऑनलाइन के जरिए आप टिकट ले सकते हैं. पर्यटक वैली आने के लिए एडवांस में वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क की ऑफिसियल वेब साइट पर जाकर प्रवेश परमिट हासिल कर सकते है. भारतीय पर्यटकों के लिए 200 रुपया प्रति पर्यटक और विदेशी पर्यटकों के लिए 800 रुपया प्रति पर्यटक की दर से शुल्क लिया जा रहा है.

पार्क की रेंज ऑफिसर चेतना काण्डपाल ने बताया कि सुबह ठीक 7 बजे घाटी के प्रवेश द्वार औपचारिक द्वार पूजन के बाद आम पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं. पहले दिन 49 पर्यटकों फूलों की घाटी पहुंचे. जिसमें 45 पर्यटकों ने ऑफलाइन टिकट तथा 4 पर्यटकों  ने ऑनलाइन टिकट लेकर घाटी का दीदार किया. पार्क प्रशासन घाटी में आने वाले सभी पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है.

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कैसे पहुंचे

ट्रेक का निकटतम रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है. जो कि 261 किलोमीटर दूर है. जबकि जॉलीग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून 276 किलोमीटर की दूरी पर है. सड़क मार्ग से गोविंदघाट चले जाएं. गोविंदघाट से फूलों की घाटी का ट्रेक शुरू होता है. ये ट्रेक लगभग 38 किलोमीटर है जो कि 4 दिन में पूरा होता है. फूलों की घाटी में घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से सितंबर है. इस दौरान घाटी पूरी तरह खिली हुई होती है.

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