उज्‍बेकिस्‍तान बच्‍चों की मौत मामला : नोएडा में कफ सिरप निर्माता कंपनी के 3 कर्मचारी गिरफ्तार

गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस -3 में बीती रात को रिपोर्ट दर्ज कराई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सेक्टर 67 स्थित एक दवा बनाने की कंपनी में निर्मित कफ सिरप मानकों के ऊपर खरा नहीं उतरा. 

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कफ सिरप पीने से कजाकिस्तान में 18 बच्चों की संदिग्ध मौत हो गई थी. (प्रतीकात्‍मक)
नोएडा :

भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में लिए गए दवा के नमूनों के मानकों पर खरा नहीं पाए जाने के बाद गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर थाना फेस-3 में बीती रात एक मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस मामले में ऑपरेशन हेड सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि कंपनी के मालिक फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है. पुलिस आयुक्त कार्यालय ने बताया कि गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर आशीष ने थाना फेस -3 में बीती रात को रिपोर्ट दर्ज कराई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि सेक्टर 67 स्थित एक दवा बनाने की कंपनी में निर्मित कफ सिरप मानकों के ऊपर खरा नहीं उतरा. 

कार्यालय ने बताया कि इस मामले में कंपनी की डायरेक्टर जया जैन, सचिन जैन, ऑपरेशन हेड तुहीन भट्टाचार्य, मैन्युफैक्चरिंग केमिस्ट अतुल रावल तथा मूल सिंह आदि के खिलाफ धारा 274, 275, 276 ,औषधि प्रसाधन सामग्री अधिनियम 17,17ए,17 -बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. 

कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस ने तुहीन भट्टाचार्य, अतुल रावत तथा मूल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने बताया कि कंपनी के मालिक मालकिन फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही उनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी. 

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2020 के दिसंबर माह में उक्त कंपनी द्वारा बनाई गई सिरप पीने से कजाकिस्तान में 18 बच्चों की संदिग्ध मौत हो गई थी. कजाकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया तथा कंपनी पर छापेमारी की गई. 

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उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 19 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग ने सेक्टर-67 स्थित दवा फर्म मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया था. दवा रिकार्ड मेंटनेंस के अलावा रॉ मैटेरियल खरीद की जानकारी समय से नहीं उपलब्ध कराने पर कंपनी का दवा उत्पादन लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है. 

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केंद्रीय एजेंसियों और उत्तर प्रदेश औषधि विभाग के एक दल ने पिछले साल 29 दिसंबर को यहां कंपनी के कार्यालय का निरीक्षण किया था और जांच के लिए छह और नमूने लिए थे. गौतमबुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया था कि निरीक्षण के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि ‘डॉक-1 मैक्स' के उत्पादन से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर सके, जिसके बाद सरकार ने इसके उत्पादन पर तत्काल रोक लगा दी थी. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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