उत्तराखंड में घुसने के लिए देना होगा ग्रीन टैक्स! कितना लगेगा, किसे मिलेगी छूट- जानिए हर एक बात

जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रिक, सीएनजी, राज्य के नंबर प्लेट वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट होगी. इसके अलावा सरकारी वाहनों, दमकल गाड़ियों और एंबुलेंस जैसे वाहनों से भी ग्रीन टैक्स नहीं वसूला जाएगी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मध्यम एवं भारी वाहनों पर क्रमश: 60 रुपये और 80 रुपये का टैक्स लगाया जाएगा.
देहरादून:

आनेवाले समय में अगर आप उत्तराखंड जाते हैं तो आपको ग्रीन टैक्स देना पड़ सकता है. उत्तराखंड सरकार अन्य राज्य से प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की योजना पर काम कर रही है. उत्तराखंड सरकार ने ग्रीन टैक्स का एक प्रस्ताव केंद्र को भेजते हुए सलाह मांगी है.  अगर सबको सही रहता है तो जल्द ही उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स की वसूली की जाएगी. एक अंग्रेजी वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार राज्य की सीमा को पार करते ही स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों के जरिए एक निश्चित राशि वाहन पर लगे फास्टैग वॉलेट से काट ली जाएगी. जल्द ही राज्य की सभी सीमाओं पर यह प्रणाली स्थापित की जाएगी. 

क्या होता है ग्रीन टैक्स

ग्रीन टैक्स को प्रदूषण या पर्यावरण टैक्स भी कहा जाता है. पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली वाहनों पर ये टैक्स लगाया जाता है. इस टैक्स को प्रदूषण स्तर को रोकने और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के उपयोग को बढ़ावा देने की एक पहल के रूप में देखा जाता है.

कितना लगेगा टैक्स

उत्तराखंड राज्य में बाहर से आनेवाले वाहनों से  20 रुपये से 80 रुपये तक वसूले जा सकते हैं. दोपहिया वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट दी जा सकती है. जबकि थ्री व्हीलर पर 20 रुपये, चार व्हीलर पर 40 रुपये और मध्यम एवं भारी वाहनों पर क्रमश: 60 रुपये और 80 रुपये का टैक्स लगाया जाए सकता है.

Advertisement

किन वाहनों को मिलेगी छूट

जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रिक, सीएनजी, राज्य के नंबर प्लेट वाले वाहनों को ग्रीन टैक्स से छूट होगी. इसके अलावा सरकारी वाहनों, दमकल गाड़ियों और एंबुलेंस जैसे वाहनों से भी ग्रीन टैक्स नहीं वसूला जाएगी.

Advertisement

उत्तराखंड परिवहन विभाग इस प्रणाली को लागू करने के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
कहीं आप भी सोशल Websites पर Dark Patterns के शिकार तो नहीं हुए? | NDTV Xplainer