उत्तराखंड सरकार सजा पूरी कर चुके कैदियों को शुक्रवार शाम तक रिहा करे : उच्च न्यायालय

मुख्य न्यायाधीश ने कैदियों के मानवाधिकारों को ध्यान में रखते हुए जेल प्रबंधन से ऐसे कैदियों की सूची मांगी थी, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं किंतु अभी तक जेल में बंद हैं.

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मुख्य न्यायाधीश ने हाल में हल्द्वानी की जिला जेल और सितारगंज की संपूर्णानंद खुली जेल का दौरा किया था.(सांकेतिक फोटो)
नैनीताल:

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार शाम तक अपनी सजा काट चुके सभी कैदियों को कारागारों से रिहा करे. जेल अधिकारियों द्वारा अदालत को मुहैया कराई गई सूची के मुताबिक ऐसे कैदियों की संख्या 167 है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने 14 साल से अधिक समय से राज्य की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों से संबंधित एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किया.

मुख्य न्यायाधीश ने हाल में हल्द्वानी की जिला जेल और सितारगंज की संपूर्णानंद खुली जेल का दौरा किया था. मुख्य न्यायाधीश ने कैदियों के मानवाधिकारों को ध्यान में रखते हुए जेल प्रबंधन से ऐसे कैदियों की सूची मांगी थी, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं किंतु अभी तक जेल में बंद हैं. अधिकारियों ने ऐसे 167 कैदियों की सूची दी थी.

उच्च न्यायालय ने कहा, मुख्य सचिव मौजूदा कानूनों से अवगत हैं और उन्हें उनका पालन करना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार के फैसले से शुक्रवार पूर्वाह्न 10:30 बजे तक सूचित किया जाए और ऐसे सभी कैदियों को शुक्रवार शाम तक रिहा कर दिया जाना चाहिए.

सुनवाई के दौरान नवनियुक्त गृह सचिव दिलीप जावलकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को निर्णय लेने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए क्योंकि सरकारी मशीनरी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है. हालांकि, अदालत ने कहा कि किसी भी बहाने के लिए कोई स्थान नहीं है.

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