उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की एक अदालत ने फर्जी वीजा और पासपोर्ट के आधार पर नेपाल जाने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किए गए एक ईरानी नागरिक को दोषी करार देते हुए उसे दो साल की कैद की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) संतोष कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने गुरुवार को आरोपी ईरानी नागरिक 38 वर्षीय हुसैन हमीदिया को दोषी करार देते हुए दो वर्ष की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया.
अदालत ने कहा कि अगर दोषी जुर्माना नहीं भरता है तो उसे एक महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी.अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आतिश कुमार सिंह ने बताया कि भारत से नेपाल जा रहे ईरानी नागरिक को भारत-नेपाल सीमा के सोनौली इलाके में आव्रजन विभाग ने 13 जनवरी 2022 को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि जांच के बाद उसके वीजा और पासपोर्ट दस्तावेज फर्जी पाए गए.
उन्होंने बताया कि विदेशी नागरिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी), 467,468,471 (दस्तावेजों में हेराफेरी) और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद पुलिस ने विवेचना पूरी कर आरोप पत्र दाखिल किया।
एडीजीसी मिश्रा ने आरोपी के खिलाफ पैरवी करते हुए उसे सजा देने की मांग की. मिश्रा ने बताया कि अदालत ने ईरानी नागरिक को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने का दोषी पाया, उसे दो साल कैद की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
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