उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए आज राज्य के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है. पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ज्यादातर सीटें शामिल हैं. मतदान शाम छह बजे तक चलेगा. निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में शामली, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तथा आगरा जिलों की विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. पहले चरण के चुनाव में प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण के सियासी भाग्य का फैसला होगा.
इससे पहले, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष, सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिए व्यापक इंतजाम एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है. कोविड-19 के मद्देनजर मतदेय स्थलों पर थर्मल स्कैनर, हैंड सेनेटाइजर, दस्तानों, मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, साबुन, पानी आदि की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की गई है. पहले चरण में 2.28 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे, जिनमें 1.24 करोड़ पुरूष, 1.04 करोड़ महिलाएं तथा 1448 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं. प्रथम चरण के निर्वाचन में कुल 58 विधानसभा सीटों पर 623 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 73 महिला उम्मीदवार हैं.
शुक्ला ने बताया, ‘‘पहले चरण के चुनाव के लिये कुल 10,853 मतदान केन्द्र और 26,027 मतदेय स्थल बनाए गए हैं. मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए 48 सामान्य प्रेक्षक, आठ पुलिस प्रेक्षक तथा 19 व्यय प्रेक्षक तैनात किए गए हैं. इसके अतिरिक्त 2175 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 284 जोनल मजिस्ट्रेट, 368 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 2718 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं. मतदाता पहचान पत्र नहीं होने पर आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस समेत 12 अन्य वैकल्पिक पहचानपत्रों का उपयोग कर वोट डाला जा सकेगा."
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विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा को पहले चरण में शामिल 58 में से 53 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीटें मिली थी. इसके अलावा एक सीट राष्ट्रीय लोकदल के हिस्से में गई थी. पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का मंगलवार शाम पांच बजे बंद हो गया. कोविड-19 के मद्देनजर चुनाव आयोग द्वारा रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगाए जाने कारण इस चरण में ज्यादातर प्रचार वर्चुअल माध्यम से हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की अगुवाई करते हुए उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया और समाजवादी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन पर हमला करते हुए लोगों को 'नकली समाजवादियों' से सतर्क रहने को कहा. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 से पहले कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा बार-बार उठाया.
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उधर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किसानों के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया और भाजपा नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत देर से करने वाली बसपा अध्यक्ष मायावती ने लोगों को अपने कार्यकाल के दौरान राज्य की कानून-व्यवस्था की याद दिलाई और प्रतिद्वंद्वी पार्टियों पर प्रदेश की जनता से छल करने का आरोप लगाया. वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मतदाताओं के घर जाकर वोट मांगे.
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