बीते तीन दिनों से जारी बारिश किसानों के लिए कहर बन चुकी है. किसानों की धान की पूरी की पूरी फसल पानी में डूब चुकी है. कई किसानों ने तो कर्जा लेकर फसल की बुवाई की थी, ऐसे में इस बारिश ने उन किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. अब उनके सामने परिवार की रोजी-रोटी चलाने का संकट खड़ा हो गया है. साथ ही कर्जा पाटने की भी चुनौती है. ऐसे में तमाम किसान पूरी तरह से टूट चुके हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाराबंकी जिले का एक ऐसा ही किसान अपनी फसल की बर्बादी देखकर इस कदर सदमे में चला गया कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली. इस किसान के आत्महत्या करने के बाद अब उसका पूरा परिवार बेसहारा हो गया है.
किसान की आत्महत्या का यह पूरा मामला कोठी थाना क्षेत्र के अलवामऊ गांव का है, जहां के एक 35 वर्षीय किसान घनश्याम वर्मा ने आत्महत्या कर ली. किसान घनश्याम ने खेत से वापस आने के बाद खाना खाया और अपने कमरे में सोने चला गया. उसकी पत्नी पूनम वर्मा अपनी दो पुत्री महक व पलक के साथ बरामद में सोई हुई थीं. सुबह जब पत्नी उसे जगाने गई तो कमरे का नजारा देख कर वह चीख पड़ी. कमरे में घनश्याम का शव छत में लगे हुक से पत्नी की साड़ी के फंदे से लटक रहा था. वहीं इस घटना के बाद मृतक की किसान की पत्नी और उसकी दो छोटी-छोटी लड़कियां बेसहारा हो गई हैं. उन्होंने कहा कि उनसे तो सबकुछ छिन चुका है. अब वह जिंदगी का गुजारा कैसे करेंगी, नहीं मालूम.
वहीं इस घटना की जानकारी होते ही गांव में हड़कंप मच गया. मृतक किसान के परिजनों का कहना है कि तीन दिनों से हो रही बारिश में घनश्याम की धान की फसल खेत में गिर कर बर्बाद हो गई है. इसी बात से घनश्याम आहत था. उसके ऊपर काफी कर्जा भी है, जो वह खेती के सहारे पाटने वाला था. ऐसे में उसकी फसल बर्बाद होने से उसके सामने परिवार की रोजी-रोटी चलाने का संकट तो खड़ा ही हो गया था. साथ ही कर्जा पाटने की भी चुनौती थी. इसी के चलते उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. मृतक के परिजनों ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि उसके परिवार की सहायता की जाए, जिससे उनका गुजारा चल सके.
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