- ट्रंप का 50% टैरिफ लागू होने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्सपोर्टरों के साथ अहम बैठक की.
- FIEO के प्रेसिडेंट एससी रल्हन के मुताबिक, सरकार ने एक्सपोर्टरों की मदद का भरोसा दिलाया है.
- वित्त मंत्री ने निर्यातकों से कहा है कि टैरिफ से बिजनेस घटने पर कर्मचारियों की छंटनी न करें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के असर की समीक्षा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक्सपोर्टरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक के बाद भारतीय एक्सपोर्टरों की सबसे बड़ी संस्था Federation of Indian Export Organization (FIEO) के प्रेसिडेंट एससी रल्हन ने एनडीटीवी को बताया कि वित्त मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि सरकार टैरिफ से ज्यादा प्रभावित होने वाले एक्सपोर्टरों की मदद करेगी. उन्होंने निर्यातकों से कर्मचारियों की छंटनी न करने को भी कहा है.
रल्हन ने बताया कि वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार जल्दी ही 50% रेसिप्रोकल टैरिफ की वजह से प्रभावित एक्सपोर्टर्स के लिए पॉलिसी लेकर आएगी. वित्त मंत्री ने FIEO से लिखित में रिपोर्ट मांगी है कि 50% रिसिप्रोकल टैरिफ का अलग-अलग एक्सपोर्ट सेक्टरों पर कितना असर पड़ेगा. इसकी समीक्षा के बाद सरकार आगे की रणनीति तय करेगी. वित्त मंत्री ने निर्यातकों से अपने कर्मचारियों की छंटनी न करने का भी आग्रह किया है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ का कई सेक्टरों पर प्रभाव पड़ने की आशंका है. इनमें जेम्स एंड ज्वैलरी, केमिकल्स और घरों की सजावट जैसे सामान प्रमुख हैं. हालांकि ये असर ज्यादा समय नहीं चलेगा. आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने की जरूरत है, जिसमें 5–6 महीने लग सकते हैं.
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर सरकारी सूत्रों ने एनडीटीवी से कहा कि भारतीय नागरिकों और व्यापारियों के हित में जो अच्छा होगा, वही किया जाएगा. टैरिफ थोपे जाने के बाद हालांकि ट्रेड डील पर बातचीत ठंडे बस्ते में है, लेकिन फॉर्मल बातचीत जल्द शुरु होने की संभावना है.
उद्योग जगत को आशंका है कि टैरिफ की वजह से व्यापार घटने से नकदी की संकट हो सकता है. इसकी पूर्ति एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (EPM) के तहत की जा सकती है. इस पर तेजी से काम किया जा रहा है. पुरानी प्रोत्साहन योजनाओं की बहाली और नई सब्सिडी की मांग पर भी काम हो रहा है. उद्योग अब पारंपरिक निर्यात से आगे बढ़कर ई-कॉमर्स के जरिए वैश्विक बाज़ारों में प्रवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं.
गौरतलब है कि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका का 50 प्रतिशत टैरिफ बुधवार से लागू हो गया है. इससे झींगा, परिधान, हीरे, चमड़ा व जूते चप्पल, रत्न आभूषण जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों में निर्यात पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है.