अमेरिका ने भारत-कनाडा विवाद से दिल्ली-वाशिंगटन संबंधों पर असर पड़ने की रिपोर्ट खारिज की

वाशिंगटन के पब्लिकेशन 'पोलिटिको' में 'भारत-कनाडा विवाद पर बाइडेन चुप क्यों' हैडलाइन वाली रिपोर्ट पर अमेरिकी दूतावास ने खंडन जारी किया.

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भारत में अमेरिकी दूतावास ने भारत-कनाडा टकराव से भारत-अमेरिका संबंध खराब होने की रिपोर्ट खारिज कर दी है.
नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के खिलाफ जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के आरोपों को लेकर भारत और कनाडा (India-Canada) के बीच राजनयिक टकराव से नई दिल्ली और वाशिंगटन डीसी के बीच संबंध खराब हो जाएंगे. इस आशय की खबरों का अमेरिका (US) ने दृढ़ता से खंडन किया है. 

वाशिंगटन के पब्लिकेशन 'पोलिटिको' में 'भारत-कनाडा विवाद पर बाइडेन चुप क्यों' हैडलाइन वाली रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिस पर अमेरिकी दूतावास ने खंडन जारी किया है. इस रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपनी टीम से कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध एक समय के लिए और खराब हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि गार्सेटी ने कहा था कि अमेरिका को "अनिश्चित समय के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ अपने संपर्क कम करने की जरूरत पड़ सकती है."

साझेदारी मजबूत करने के लिए मेहनत कर रहे गार्सेटी

भारत में अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि, "अमेरिकी दूतावास इन रिपोर्टों को खारिज करता है. राजदूत गार्सेटी अमेरिका और भारत के लोगों और सरकारों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं. यह उनकी व्यक्तिगत व्यस्तता और सार्वजनिक कार्यक्रम से पता चलता है. राजदूत गार्सेटी और भारत में अमेरिकी मिशन भारत के साथ हमारी महत्वपूर्ण, रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए हर दिन काम कर रहे हैं."

कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में हत्या हुई थी. ट्रूडो ने इस मामले में भारत सरकार पर उसकी भूमिका होने का आरोप लगाया.  इसके बाद से नई दिल्ली और ओटावा के बीच कूटनीतिक टकराव चल रहा है. भारत ने आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" बताया है.

अमेरिका ने कहा था, आरोपों की जांच होनी चाहिए

अमेरिका का जो बाइडेन प्रशासन अब तक कहता रहा है कि कनाडाई सरकार के आरोपों की जांच की जानी चाहिए. यह मामला विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की अमेरिका यात्रा के दौरान उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ हुई एक बैठक के दौरान सामने आया था.

व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल के स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन  कोआर्डिनेटर जॉन किर्बी ने कहा था कि जब डॉ एस जयशंकर और नेशनल सिक्यूरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन की मुलाकात हुई तो इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

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कनाडा की भारत की निंदा करने की मांग पर सहयोगी असहमत 

किर्बी ने कहा था, "हम निश्चित रूप से इसे उन दो देशों पर छोड़ देंगे कि वे अपने द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात करें. हम स्पष्ट हैं, यह आरोप गंभीर हैं, उनकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए. निश्चित रूप से, जैसा कि हमने पहले कहा है, हम भारत से आग्रह करते हैं कि वह जांच में सक्रिय रूप से भाग ले.'' 

इससे पहले 'द वाशिंगटन पोस्ट' ने रिपोर्ट दी थी कि कनाडाई अधिकारियों ने जी20 शिखर सम्मेलन से पहले अमेरिका सहित अपने सहयोगियों से मांग की थी कि वे निज्जर की हत्या की सार्वजनिक निंदा करें, लेकिन वे इस पर सहमत नहीं थे.

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