दुनियाभर में भारतीय प्रोफेशनल्स की धूम है... फिर चाहे वह अमेरिका हो या ब्रिटेन. भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने हाल ही में दावा किया कि मौजूदा समय में कोई भी अमेरिका में सीईओ नहीं बन सकता, जब तक कि वह भारतीय मूल का न हो. गार्सेटी की हास्यपूर्ण चुटकी हाल ही में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में 2024 इंडियास्पोरा एआई शिखर सम्मेलन में आई.
गार्सेटी ने कहा, "सफलताएं मिली हैं... फॉर्च्यून 500 कंपनियों के 10 सीईओ में से एक से अधिक अब भारतीय आप्रवासी हैं, जिन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की है. पुराना समय में कहा जाता था कि यदि आप भारतीय हैं, तो अमेरिका में सीईओ नहीं बन सकते थे. लेकिन अब स्थिति बिल्कुल उलट है... अब यह कहा जाता है कि आप किसी कंपनी के सीईओ नहीं बन सकते, यदि भारतीय नहीं हैं. फिर चाहे वह गूगल हो, माइक्रोसॉफ्ट हो या स्टारबक्स, लोगों ने यहां बड़ा बदलाव लाया है."
Google और उसके मूल संगठन Alphabet Inc. की देखरेख सुंदर पिचाई द्वारा की जाती है, जबकि Microsoft और Starbucks के संचालन का नेतृत्व क्रमशः सत्या नडेला और लक्ष्मण नरसिम्हन द्वारा किया जाता है. गार्सेटी के साथ बोलते हुए, भारतीय मूल के व्यापारिक नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए समान भावनाओं को दोहराया, विशेष रूप से भारत को इनोवेशन और प्रगति के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में उनकी भूमिका की सराहना की.
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए इलास्टिक के सीईओ आशुतोष कुलकर्णी ने कहा कि पीएम मोदी और सरकार अद्भुत काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और सरकार कुछ अद्भुत काम कर रहे हैं और उनका ध्यान इनोवेशन के लिए खुले रहने पर है, उनका ध्यान उद्योग पर है, उनका ध्यान जनसंख्या पर है. दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश और उस आबादी को प्रगति की ओर लाना, जिस तरह से उन्होंने इस देश की क्षमता का उपयोग किया है वो शानदार है."
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