एक जैसा नाम, रैंक और रोल नंबर...सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम में MP की दो आयशा के बीच असमंजस

UPSC Civil Services Final Result : देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारीख 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है. आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारीख 25 अप्रैल ही है.

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मध्यप्रदेश:

यूपीएससी ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम जारी कर दिया, लेकिन मध्यप्रदेश में इसे लेकर दो आयशा के बीच असमंजस है. दोनों के नाम एक जैसे, रोल नंबर एक जैसा, रैंक भी एक-184.  फर्क सिर्फ इतना है कि दोनों 200 किलोमीटर दूर रहती हैं, एक देवास जिले की आयशा फातिमा, दूसरी अलीराजपुर की आयशा मकरानी. दोनों ही परिवारों में जश्न का माहौल है, दोनों के एडमिट कार्ड में एक ही रोल नंबर 7811744 दर्ज है. 

दरअसल, इन दोनों का ही दावा है कि उन्होंने परीक्षा दी है, इंटरव्यू भी दिया. देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारीख 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है. आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारीख 25 अप्रैल ही है, लेकिन दिन गुरुवार लिखा है. मगर 25 अप्रैल को मंगलवार ही था. वैसे आयशा फातिमा के एडमिट कार्ड पर यूपीएससी का वाटर मार्क और क्यूआर कोड है, लेकिन आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर वाटर मार्क है और क्यूआर कोड नहीं है.

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा मंगलवार को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से स्नातक इशिता किशोर के पहला स्थान हासिल करने के साथ ही शीर्ष चार स्थानों पर महिलाओं ने सफलता हासिल की है. घोषित परिणामों के अनुसार, गरिमा लोहिया, उमा हरति एन और स्मृति मिश्रा ने परीक्षा में क्रमशः दूसरा, तीसरा और चौथा स्थान हासिल किया है. लोहिया और मिश्रा डीयू से स्नातक हैं, जबकि हरति एन. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-हैदराबाद से बी.टेक डिग्री धारक हैं.

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यह लगातार दूसरा वर्ष है जब महिला उम्मीदवारों ने प्रतिष्ठित परीक्षा में शीर्ष तीन रैंक हासिल की हैं. सिविल सेवा परीक्षा 2021 में श्रुति शर्मा, अंकिता अग्रवाल और गामिनी सिंगला ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया था. यूपीएससी ने कहा कि 933 उम्मीदवारों-613 पुरुषों और 320 महिलाओं ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 उत्तीर्ण की है. शीर्ष 25 रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों में 14 महिलाएं और 11 पुरुष शामिल हैं. यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा सालाना तीन चरणों में आयोजित की जाती है, जिनमें अभ्यर्थियों को प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार से गुजरना होता है. इस परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) समेत अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है.

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किशोर ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध के साथ परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, डीयू से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक किया है. डीयू के किरोड़ीमल कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक लोहिया ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में वाणिज्य और लेखा के साथ दूसरी रैंक हासिल की. आईआईटी, हैदराबाद से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक करने वालीं हरति एन. तीसरे स्थान पर रहीं जिन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में एंथ्रोपोलॉजी रखा था. डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज से स्नातक (बी.एससी.) मिश्रा चौथे स्थान पर रहीं, जिनका वैकल्पिक विषय प्राणी विज्ञान था.

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यूपीएससी ने कहा कि शीर्ष 25 सफल उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग में स्नातक से लेकर, मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य और चिकित्सा विज्ञान तक की है. ये उम्मीदवार आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), डीयू, गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, यादवपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय जैसे देश के प्रमुख संस्थानों से हैं. यूपीएससी ने कहा कि शीर्ष 25 सफल उम्मीदवारों ने एंथ्रोपोलॉजी, वाणिज्य और लेखा, अर्थशास्त्र, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कानून, इतिहास, गणित, राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध, दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र और प्राणी विज्ञान जैसे विषयों को लिखित (मुख्य) परीक्षा में अपनी वैकल्पिक पसंद के रूप में चुना है.

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