UP की हाईप्रोफाइल सीटों में Kunda की गिनती, 1993 से नहीं थमा राजा भैया का विजय रथ

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया 1993 से अब तक 6 बार कुंडा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की.

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लगातार 6 बार से कुंडा से निर्दलीय विधायक बनते आ रहे राजा भैया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कुंडा विधानसभा सीट (Kunda Assembly Seat) उत्तर प्रदेश की सबसे अहम और हाईप्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है. इस सीट से 1993 से राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह (Raja Bhaiya Alias Raghuraj Pratap Singh) जीत का परचम लहराते आए हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में भी राजा भैया के इसी सीट से लड़ने की उम्मीद है. राजा भैया आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से चुनाव मैदान में जोर-अजमाइश करते नजर आएंगे. राजा भैया की पार्टी को 'आरी' चुनाव निशान आवंटित किया गया है. यूपी चुनाव के मद्देनजर राजा भैया चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. 

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया 1993 से अब तक 6 बार कुंडा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार बड़े मार्जिन से जीत दर्ज की. राजा भैया को उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं में गिना जाता है.

माना जाता है कि कुंडा के अलावा आसपास की विधानसभा सीटों पर भी उनका (राजा भैया) खासा प्रभाव रहता है. हालांकि, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा कि राजा भैया की पार्टी चुनाव में क्या कमाल दिखाती है.  

साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो राजा भैया को 1,36,597 वोट मिले थे जबकि रनरअप रहे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जानकी शरण को 32950 मत मिले थे. राजा भैया ने 1,03,647 वोटों के मार्जिन से जीत का झंडा बुलंद किया था. देखना है कि अबकी बार राजा भैया के जीत का अंतर कितना रहता है?

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