समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को दावा किया कि राज्य की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने पिछले साल हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा की मदद की थी. मंत्री ने सपा मुखिया के इस दावे को उनकी बौखलाहट करार देते हुए कहा है कि हाल में हुए सहकारी समितियों के चुनाव में सपा को मिली करारी हार की वजह से यादव का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने पिछले साल दिसंबर में हुए मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में सपा को मिली जीत में अंदर ही अंदर पार्टी की मदद की थी.
यादव ने संवाददाताओं द्वारा पूछे गए एक सवाल पर कहा, ‘‘पर्यटन मंत्री कब किसी दूसरे के साथ पर्यटन कर लेंगे, यह आपको पता ही नहीं है. पहले भी वह पर्यटन कर चुके हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘मैनपुरी (लोकसभा) उपचुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी को जिताया. वह (पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह) अंदर ही अंदर समाजवादी पार्टी से मिले थे.''
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में हुए मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी. यह सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई थी.
इस बीच, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' से बातचीत में अखिलेश के दावे को गलत करार देते हुए इसे उनकी बौखलाहट का नतीजा बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘अखिलेश यादव की पार्टी को जनता ने पहले पांच साल के लिए पर्यटन पर भेजा और दोबारा फिर से वहीं भेज दिया. यह अखिलेश यादव की बौखलाहट है. कभी वह राज्य सरकार के एक उप मुख्यमंत्री से कहते हैं कि 100 विधायक लेकर आओ तो हम तुम्हें मुख्यमंत्री बना देंगे, तो कभी यही बात दूसरे उप मुख्यमंत्री से कहते हैं. उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है.''
सिंह ने कहा कि हाल में हुए सहकारी समितियों के चुनाव में अखिलेश अपने गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में अपनी पार्टी की करारी हार से सदमे में हैं इसीलिए तरह-तरह के अनर्गल दावे कर रहे हैं.
अखिलेश यादव ने संवाददाता सम्मेलन में अमेठी में एक व्यक्ति के साथ रह रहे सारस को वन विभाग द्वारा पक्षी विहार में भेजे जाने की घटना को लेकर सरकार पर बुधवार को निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर सरकार सारस छीन रही है तो उन लोगों से मोर भी छीन लेना चाहिये जो उसे दाना खिला रहे थे.
यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में अमेठी के जामो क्षेत्र में आरिफ नामक व्यक्ति के साथ पिछले करीब एक साल से रह रहे सारस को वन विभाग की टीम द्वारा मंगलवार को रायबरेली के समस्तपुर पक्षी विहार में भेजे जाने का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने वह सारस सिर्फ इसलिये ‘छीना' क्योंकि वह बीते पांच मार्च को आरिफ और उस सारस से मुलाकात करने और बधाई देने चले गये थे.
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए उनका नाम लिये बगैर कहा, ‘‘सरकार अगर सारस को छीन रही है तो सरकार को उनसे भी मोर छीन लेना चाहिए जो उसे दाना खिला रहे थे. क्या सरकार की हिम्मत है वहां पहुंच जाने की। यह सरकार ने सिर्फ इसलिए किया क्योंकि सारस और उसे पालने वाले आरिफ से मैं मिलकर आ गया. सरकार ने उस सारस को कैद कर लिया है. सरकार बताए कि आखिर उसने सारस को कहां कैद किया है.''
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो मीडिया में आया था जिसमें वह मोर को दाना खिला रहे थे. इसे लेकर खासी चर्चाएं हुई थीं.
संवाददाता सम्मेलन के दौरान मंच पर आरिफ भी मौजूद थे. आरिफ का साथी बनकर रह रहे सारस को वन विभाग की टीम ने रायबरेली के समस्तपुर पक्षी विहार में भेज दिया है. विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अमेठी के जामो विकास खंड के मंडखा निवासी आरिफ के साथ रह रहे सारस को उसके प्राकृतिक परिवेश में पहुंचाने के लिये मंगलवार को रायबरेली के ऊंचाहार समस्तपुर पक्षी विहार में भेज दिया गया है. विभाग की टीम ने आरिफ से मुलाकात कर इसके लिये सहमति भी ली थी. हालांकि आरिफ ने इससे इनकार किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार न सिर्फ किसानों और आम लोगों की दुश्मन है बल्कि पेड़ों और पक्षियों की भी दुश्मन है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद है कि हमारी सरकार ने इटावा में सारस संरक्षण के लिए एक शोध केंद्र की योजना बनाई थी, उसे भी सरकार ने बंद कर दिया. इटावा में सारस का संरक्षण केंद्र बन रहा था, उसे इस सरकार ने छीन लिया. सारस मित्र बनाए जा रहे थे, लेकिन सरकार ने उनका मानदेय खत्म कर दिया. पक्षी महोत्सव होते थे, उन्हें भी खत्म कर दिया. भाजपा वालों से आप उम्मीद नहीं कर सकते कि वे पर्यावरण के लिए भी कुछ कर सकते हैं.''
पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह संविधान को खत्म करने के लिए काम कर रही है. उसका एक-एक कदम लोकतंत्र को खत्म करने के लिए है.
इससे पहले, अखिलेश ने सपा नेता प्रमोद त्यागी द्वारा लिखित किताब ‘कुंती: अंतर्कथा' का विमोचन भी किया.
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