समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ईडी ने आजम खान के अवैध कब्जे वाली सम्पत्तियों का ब्योरा मांगा है. इस मामले में जिला प्रशासन ने एक टीम बनाई है. इस टीम में 9 लोग शामिल हैं. साथ ही सत्यापन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम ने रामपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी, उन्होंने जेल में रहते हुए इसी वर्ष विधानसभा चुनाव भी लड़ा था और जीत हासिल की थी. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा सीट की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
आजम की गिनती समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेताओं में की जाती है. यूपी में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उनके खिलाफ जमीन पर अवैध कब्जे और अन्य केस दर्ज किए गए हैं.हाल ही में जमीन पर कब्जा जमाने के मामले में सपा पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां (AZAM KHAN) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 5 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. आजम के खिलाफ, वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था.
अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में रामपुर के अजीम नगर थाने में मुकदमा ट्रांसफर हुआ था. इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी.
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