कानपुर : मेडिकल कॉलेज में भर्ती 14 बच्चों के HIV पॉजिटिव होने की फैली अफवाह, आरोपी के खिलाफ जांच शुरू

कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने कहा, "2019 के बाद से अभी तक कोई HIV, HCV, HBsAg थैलेसीमिया का संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है."

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प्रतीकात्मक फोटो.
कानपुर:

उत्तर प्रदेश के कानपुर में गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां लाला लाजपत राय चिकित्सालय में एक डॉक्टर ने 14 बच्चों के शरीर में संक्रमित खून चढ़ाए जाने से उनके हैपेटाइटिस B, C के साथ HIV पॉजिटिव के लक्षण पाए जाने का दावा किया. बताया जा रहा है कि थैलेसीमिया विभाग ने 180 मरीजों की स्क्रीनिंग की थी. इसमें 14 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई. हालांकि, अस्पताल के शीर्ष अधिकारी ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.अधिकारी ने कहा कि कथित तौर पर अफवाह फैलाने के आरोप में एक डॉक्टर के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भयावह रोग से ग्रसित इन बच्चों को अलग-अलग प्राइवेट अस्पतालों में ब्लड चढ़ाया गया था. जिसकी वजह से इनके शरीर में ये जानलेवा बीमारी फैली. हालांकि, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजय काला ने इसे महज अफवाह करार दिया हैय डॉक्टर काला ने कहा, "2019 के बाद से अभी तक कोई HIV, HCV, HBsAg थैलेसीमिया का संक्रमित मरीज नहीं पाया गया है. "

प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना था कि गलत बयान बाजी करने के कारण बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार आर्य के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए है.

उन्होंने बताया, "साल 2014 में एक मरीज और 2019 में एक मरीज पॉजिटिव पाया गया था. इसके अलावा 2016 में हैपेटाइटिस B के दो मरीज स्क्रीनिंग में पॉजिटिव पाए गए थे. 2014 में 2 मरीजों में हैपिटाइटिस C की पुष्टि हुई.
इसके बाद 2016 में 2 मरीज और 2019 में एक मरीज पॉजिटिव पाया गया था.


विवाद बढ़ने पर डॉ. अरुण कुमार आर्या ने दी सफाई
हालांकि, विवाद बढ़ने पर डॉ. अरुण कुमार आर्या ने एक वीडियो मैसेज में सफाई दी. उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों की स्क्रीनिंग हर 3 से 4 महीने के बीच में की जाती है. स्क्रीनिंग में देखा जाता है कि उन मरीजों में कितना सुधार हो रहा है या फिर कोई अन्य बीमारी तो नहीं अटैक कर रही है. इस स्क्रीनिंग में ही 14 लोगों में संक्रमित होने की बात सामने आई है. डॉ. आर्या ने बताया कि 7 मरीजों में हेपेटाइटिस B और 5 मरीजों में हेपेटाइटिस C और 2 मरीजों में HIV संक्रमण की पुष्टि अभी तक हुई है. इन सभी मरीजों को अलग-अलग सेंटरों पर खून चढ़ाया गया है. विंडो पीरियड में संक्रमण की नहीं हो पाती थी.

मल्लिकार्जुन खडगे ने बीजेपी पर साधा निशाना
इस रिपोर्ट के बाद विपक्षी नेताओं ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने यूपी की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "डबल इंजन सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे को 'दोगुना बीमार' बना दिया है". डबल इंजन सरकार शब्द का इस्तेमाल बीजेपी अक्सर अपने चुनाव अभियानों में राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर बीजेपी सरकार होने के दोहरे लाभ का जिक्र करने के लिए करती है. 

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कांग्रेस प्रमुख खरगे ने X पर पोस्ट लिखा, "यह घोर लापरवाही 'शर्मनाक' है. बीजेपी सरकार के इस अपराध की सजा निर्दोष बच्चों को भुगतनी पड़ रही है.''

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अखिलेश यादव ने भी किया ट्वीट
इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामलो के लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "यूपी में संक्रिमित खून चढ़ाने से 14 बच्चों को HIV और हैपेटाइटिस का संक्रमण होना बेहद गंभीर बात है. इस लापरवाही की तत्काल जांच हो और इस तरह की घातक गलती की सख्त से सख्त सजा दी जाए".
 

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