उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सड़कों पर चलना असुरक्षित हो गया है. क्योंकि आवारा कुत्ते कभी भी लोगों पर अटैक कर दे रहे हैं. एक ऐसी ही घटना CCTV में भी कैद हुई है. एक पागल कुत्ते ने एक छात्र को इतनी बेरहमी से काटा कि उसके चेहरे और पैर में कई टांके लगाने पड़े हैं. इस पागल कुत्ते ने आधे घंटे में स्टूडेंट, महिला और बच्चों समेत 17 लोगों को शिकार बनाया है. ये घटना गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र के आवास विकास कालोनी की है.
बुरी तरह से लहूलुहान हुआ छात्र
14 अगस्त की रात पागल कुत्ते ने आधे घंटे में 17 लोगों को शिकार बनाया. यहां रहने वाले विजय यादव का 22 साल का बेटा आशीष यादव नोएडा से बीबीए कर रहा है. वे रक्षाबंधन पर घर आया था. आशीष 14 अगस्त की रात 9 बजकर 45 मिनट बजे घर के बाहर मोबाइल पर किसी से बात कर रहा था. इसी दौरान आवारा कुत्ते ने अटैक कर दिया. कुत्ते से बचने के लिए उन्होंने पहले पैर चलाया, तो उसने आशीष के पैर में बुरी तरह से काट लिया. आशीष जब तक संभल पाता पागल कुत्ते ने ऊंची छलांग लगाई और सीधे उनके मुंह, आंख और होंठ को बुरी तरह से लहूलुहान कर दिया.
इस कुत्ते ने इसके बाद घर लौट रही मोहल्ले की एक महिला बालाजी को भी अपना शिकार बना लिया. उनके घुटने के नीचे कुत्ते ने इतने गहरे जख्म दिए हैं कि कई टांके लगाने पड़े. कुत्ता यहीं शांत नहीं हुआ, इसके बाद उसने आधे घंटे में छोटे-छोटे बच्चों समेत बड़ों को भी अपना शिकार बनाया और वहां से भाग गया.
आशीष के पिता विजय यादव ने बताया कि वे जिला अस्पताल में पहुंचे. लेकिन वहां रैबीज का इंजेक्शन खत्म हो गया था. उन्हें बाजार से इंजेक्शन लेकर आना पड़ा है. बालाजी ने बताया कि वो आवास विकास कालोनी में रहती हैं. 14 अगस्त की रात वे गेट पर खड़ी थीं. जहां-जहां से कुत्ता गुजर रहा था वो,लोगों को काटते हुए जा रहा था.
बच्चियों को बनाया शिकार
रामबाबू मिश्रा की बच्चियों को भी आवारा कुत्ते ने काट लिया. बच्चे गेट पर खेल रहे थे. इसी दौरान कुत्ता उन पर हमलावर हो गया. विनोद बताते हैं कि उनकी दोनों बच्चियां बाहर दरवाजे पर खड़ी थी. इसी दौरान आवारा कुत्ता आया और उन दोनों को काटकर चला गया.
हैरत की बात ये है कि गोरखपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा को इस घटना के बारे में जानकारी ही नहीं है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर आवारा कुत्तों को बंध्याकरण के लिए अभियान चलाया जाता है. इसके लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बना रहे हैं. इसके लिए टेंडर भी किया गया है. पालतू कुत्तों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करते हैं. रैबीज से प्रभावित कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाता है.