'अखिलेश यादव और जयंत चौधरी तब तक साथ हैं, जब तक...' : अमित शाह का निशाना

शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'अखिलेश यादव और जयंत चौधरी मतगणना तक साथ हैं. यदि उनकी (सपा) सरकार बनती है, तो आजम खान (उनकी सरकार में) बैठेंगे और जयंत भाई बाहर हो जाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 27 mins

समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साधा निशाना

मुजफ्फरनगर:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इससे एक दिन पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के के साथ यहां भाजपा पर तीखा निशाना साधा था. यादव ने कैराना से हिंदुओं के पलायन के भाजपा के चुनावी मुद्दे और जयंत चौधरी को भाजपा के चुनाव बाद गठबंधन की पेशकश को यह कहते हुए खारिज कर दिया था, "उनका निमंत्रण कौन स्वीकार कर रहा है? कल्पना कीजिए कि उनकी कैसी हालत हो रखी है कि जिसकी वजह से उन्हें साथ आने के लिए न्योता देने को मजबूर होना पड़ रहा है. चौधरी ने भी पहले यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि वह "चवन्नी" नहीं हैं कि वह इतनी आसानी से पलट जाएंगे.

शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा, 'अखिलेश यादव और जयंत चौधरी मतगणना तक साथ हैं. यदि उनकी (सपा) सरकार बनती है, तो आजम खान (उनकी सरकार में) बैठेंगे और जयंत भाई बाहर हो जाएंगे. उनके उम्मीदवारों की सूची बता सकती है कि चुनाव के बाद क्या होगा.' उन्होंने अखिलेश यादव को भी चुनौती देते हुए कहा, ''अखिलेश बाबू को शर्म भी नहीं आती, कल उन्होंने यहां कहा था कि कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. अखिलेश बाबू, आज मैं एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपना आंकड़ा देने आया हूं, अगर आप में हिम्मत है, कल एक संवाददाता सम्मेलन में अपने शासन के आंकड़े घोषित करें.'

शाह ने अन्य सभी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि "पहले यहां सपा-बसपा का शासन था, जब बहनजी (बसपा प्रमुख मायावती) की पार्टी आती थी, वह एक जाति की बात करती थी. जब कांग्रेस पार्टी आती थी तो वे परिवार की बात करते थे और जब अखिलेश बाबू की सरकार आती थी तो गुंडा, माफिया और तुष्टिकरण की बात करते थे.' समाजवादी पार्टी और बीजेपी नेताओं के बीच बयानबाजी जारी है. अखिलेश यादव ने शुक्रवार को दावा किया था कि मुजफ्फरनगर जाने से रोकने के लिए भाजपा की साजिश के तहत उनके हेलिकॉप्टर को दिल्ली में रोका गया. यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया, "समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का विमान फेल हुआ, कैम्पेन प्लान भी फेल हो गया. जनता ने 2014 में साइकिल को पंचर कर दिया था.'

Advertisement

किसान आंदोलन ने पश्चिमी यूपी के अपने राजनीतिक गढ़ में रालोद को पुनर्जीवित करने का एक नया मौका दिया है और समाजवादी पार्टी के साथ उसका गठबंधन भाजपा के लिए एक बड़ा खतरा बन रहा है. भाजपा ने इस क्षेत्र में 2017 में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. बीजेपी ने पश्चिमी यूपी की 108 में से 83 सीटें जीतीं, यानी हर चार में से तीन सीटें.  भाजपा अब किसानों सहित कई वर्गों को लुभाने की कोशिश कर रही है और पश्चिमी यूपी की सीटों के लिए अपनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. घर-घर जाकर प्रचार करने से लेकर स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करने तक, इसके सभी शीर्ष नेता पूरे क्षेत्र में प्रचार अभियान में लगे हुए हैं.

Advertisement

"भाजपा का हर वादा एक जुमला था": यूपी की भाजपा सरकार पर जमकर बरसे अखिलेश यादव 

सपा-रालोद गठबंधन को उम्मीद है कि किसानों प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में जाट-मुस्लिम गठबंधन को जमीन पर मजबूती मिलेगी. मुजफ्फरनगर में 2013 के सांप्रदायिक दंगों के बाद जाट और मुस्लिम अलग हो गए थे. उन दंगों ने न केवल 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रभावशाली जीत को मजबूत किया था, बल्कि 2014 के लोकसभा चुनावों में भी इसका काफी असर देखने को मिला था.  जब एनडीटीवी ने लोगों की राय जानने के लिए मुजफ्फरनगर के सबसे बड़े बाजार शिव चौक का दौरा किया, तो कई लोगों ने विकास को लेकर भाजपा के काम की सराहना की. हालांकि, कुछ लोगों ने कहा कि भाजपा रोजगार पैदा करने में विफल रही.

Advertisement

'PM मोदी ने देश के साथ विश्वासघात किया', पेगासस डील में NYT की रिपोर्ट पर कांग्रेस का हमला

एक स्थानीय निवासी विमल मदान ने कहा, "यहां भाजपा की लहर है. अपराध की घटनाएं लगभग शून्य हैं. राम मंदिर का निर्माण करके भाजपा ने निश्चित रूप से वास्तव में अच्छा किया है. मुझे नहीं लगता कि दूसरे समुदाय को इससे कोई समस्या है. लोग यहां एकता और भाईचारे के साथ रहते हैं." एक व्यापारी भरत अरोड़ा ने कहा, "बीजेपी ने बेहतर सड़कों से लेकर बेहतर बिजली आपूर्ति तक के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए बहुत काम किया है. कम्यूनिटी फैक्टर की वजह से एकमात्र पार्टी समाजवादी पार्टी भाजपा सके टक्कर ले सकती है.'

Advertisement

रमेश चौधरी नाम के स्थानीय ने कहा, 'यहां से सपा-रालोद गठबंधन की जीत होगी. भाजपा ने कुछ नहीं किया और रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही. हर जगह बेरोजगारी है. इनके पास बताने को कोई काम नहीं है, इसलिए ये मुस्लिम-हिंदू कार्ड खेल रहे हैं. मेरा मानना ​​​​है कि हर पांच साल में सरकारें बदलनी चाहिए और यही सभी नेताओं को उनकी असलियत दिखाएगी. इससे नेता जनता को हल्के में लेना बंद कर देंगे.'

UP चुनाव: गृह मंत्री अमित शाह मुजफ्फरनगर और सहारनपुर के दौरे पर, घर-घर जाकर मांगे वोट

Topics mentioned in this article