बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन पद पर तैनात ज्योत्सना राय की मौत के मामले में उनके पिता ने 302 के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. बता दें सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर तैनात ज्योत्सना राय का शव कल सुबह उनके सरकारी आवास पर बेडरूम के बराबर वाले कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे से लटका हुआ मिला था. कमरे का दरवाजा तोड़कर पुलिस ने शव को निकाला था. वहीं अब मेडिकल बोर्ड के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला था. सुसाइड नोट में परेशान होने की बात लिखी है, किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है. ज्योत्सना राय का 29 अप्रैल 23 को एडिशनल सिविल जज अयोध्या से बदायूं में तबादला हुआ था.
ज्योत्सना राय अपने कार्यालय हमेशा समय से पहुंच जाती थी. लेकिन कल वह जब कार्यालय नहीं पहुंची, तब उनके सहायकों ने उन्हें फोन किया. फोन ना उठने पर आवास पर जाकर देखा गया तो दरवाजा अंदर से बंद था. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर जब अंदर जाकर देखा तो राय पंखे से लटकी हुई थी.
देर शाम ज्योत्सना राय के परिजन यहां पर पहुंचे. उनके पिता अशोक कुमार राय ने पुलिस में अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है. उनके मुताबिक उनकी बेटी बहुत स्ट्रांग थी और वह कभी ऐसा कदम नहीं उठा सकती थी.
बदायूं सिविल जज जूनियर डिवीजन के बड़े भाई हिमांशु शेखर राय जो बनारस में रेलवे में सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने मौत पर सवाल उठाए हैं. हिमांशु के मुताबिक उनकी बहन बहुत स्ट्रॉन्ग थी और कभी भी ऐसा कदम नहीं उठा सकती थी.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मौके से जो सुसाइड नोट प्राप्त हुआ उसमें लिखा है कि मैं अवसाद में हूं, मेरी मृत्यु का जिम्मेदार कोई नहीं है. मेरा अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू घाट पर करना और मेरे खरगोश का ख्याल रखना.
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