'हम अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेंगे. यह न्याय की लड़ाई है और हम इसे अंत तक लड़ेंगे...' ये गुस्सा है उस पीड़िता का जो उन्नाव रेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिखाई दिया. कोर्ट ने सेंगर की सजा को तब तक के लिए सस्पेंड कर दिया है, जब तक उनकी अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती. इस फैसले से नाराज होकर पीड़िता और उसकी मां न्याय की मांग को लेकर दिल्ली के इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गईं.
"6 साल में जमानत कैसा न्याय?"
पीड़िता ने भावुक और गुस्से में प्रशासन पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि जिस अपराधी को ताउम्र जेल में रहना था, उसे महज 6 साल में बाहर आने की अनुमति कैसे मिल गई? पीड़िता ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा, "दोषी के बाहर आने से मेरी जान को फिर से खतरा है. मेरे पिता की हत्या हुई, मेरा एक्सीडेंट कराया गया, अब फिर वही डर सता रहा है. यह न्याय नहीं है, मैं इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी."
पुलिस ने पीड़िता को मौके से हटाया
धरने के दौरान सोशल एक्टिविस्ट योगिता भयाना भी पीड़िता के साथ मौजूद थीं. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पीड़िता और उनकी मां को जबरन वहां से हटा दिया. पुलिस की इस कार्रवाई पर भी पीड़िता ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और साफ किया कि वह हार नहीं मानेंगी और अपनी लड़ाई जारी रखेंगी.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार का मामला सामने आया था. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को 2019 में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. अब जमानत मिलने के बाद पीड़िता और उसके परिवार को फिर से खतरे की आशंका सता रही है. पीड़िता ने केंद्र और राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग भी की है.














