कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से भारतीय लोकतंत्र की तुलना इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी से करने संबंधी कथित टिप्पणी की बीजेपी ने जमकर आलोचना की है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने बुधवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र की इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन और लीबिया के मुअम्मर गद्दाफी से तुलना देश के 80 करोड़ वोटरों का अपमान है. राहुल की दादी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का नाम लिए बगैर जावडेकर ने कहा कि देश में केवल एक बार ऐसी स्थिति का सामना इमरजेंसी के दौरान किया था. गौरतलब है कि इंदिरा गांधी ने 70 के दशक में देश में इमरजेंसी लगाई थी.
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न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए जावडेकर ने कहा, 'राहुल गांधी की राय पर कोई कमेंट करना बेकार है. भारत के लोकतंत्र की गद्दाफी और सद्दाम हुसैन से तुलना 80 करोड़ वोटर का अपमान है. केवल इमरजेंसी के दौरान हमने गद्दाफी और सद्दाम हुसैन जैसा समय देखा था.' गौरतलब है कि राहुल गांधी ने अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के फैकल्टी मेंबर और स्टूडेंट्स के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की थी. वर्ष 1975 से 1977 तक लागू इमरजेंसी के दौरान लोगों के संवैधानिक अधिकार छीन लिए गए थे. मीडिया पर कई तरह की बंदिशें लगा दी गई थीं और विपक्ष के ज्यादातर नेताओं को जेल भेज दिया गया था.
अधिनायकवादी ताकतों की गिरफ्त में जा रहा है भारत: राहुल गांधी
डेमोक्रेटिक देशों के ग्राफ में भारत की गिरती पोजीशन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने यह तानाशाह वाली टिप्पणी की थी. राहुल ने कहा था, 'गद्दाफी और सद्दाम हुसैन के समय भी चुनाव हुआ करता था. वे इनमें जीत हासिल करते थे. ऐसा नहीं था कि वे वोटिंग नहीं होती थी लेकिन वोट के संरक्षण के लिए कोई संस्थागत ढांचा नहीं था.'राहुल ने कहा था कि कि चुनाव सिर्फ ये नहीं है कि लोग जाएं और बटन दबाकर मताधिकार का इस्तेमाल कर दें. चुनाव एक अवधारणा है, चुनाव एक संस्था है, जो यह सुनिश्चित करती है कि देश का ढांचा सही तरीके से काम कर रहा है. चुनाव वो है कि न्यायपालिका निष्पक्ष हो और संसद में बहस काई जाती हो. इसलिए किसी भी वोट की गणना के लिए ये चीजें जरूरी हैं.