केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister mansukh mandaviya) ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के उस सवाल का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत से संबंधित कोई डेटा नहीं मांगा. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि 26 जुलाई को दिल्ली को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत का ब्योरा मांगने वाला पत्र भेजा गया था. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार यानी 11 अगस्त को ट्वीट किया और कहा कि सिसोदिया जी 26 जुलाई को मेरे मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को जो मेल भेजा है, ये रही उसकी कॉपी. अभी भी देरी नहीं हुई है!, 13 अगस्त तक आप डेटा भेज सकते हैं ताकि हम प्रश्न का उत्तर संसद को भेज सकें. अपने अधिकारियों से समीक्षा करके जरूरी डाटा जल्द से जल्द भिजवाने की कृपा करें.
इससे पहले ऑक्सीजन की कमी (oxygen shortage) से देश में कोई मौत होने के संबंध में राज्यों से डाटा मांगे जाने को लेकर उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. मंगलवार को आयोजित डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस में सिसोदिया ने कहा था कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत से संबंधित कोई डेटा नहीं मांगा. उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार से ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है जिसमें वह यह पूछ रहे हो कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कोई मौत हुई है या नहीं हुई. मैं लगातार अपने अधिकारियों से पूछ रहा हूं कि केंद्र सरकार के यहां से कोई चिट्ठी आई है?'' आज तक केंद्र सरकार के यहां से ऐसी कोई चिट्ठी नहीं आई. दिल्ली सरकार ने तय किया है कि बेशक केंद्र सरकार ने हमसे पूछा नहीं लेकिन हम केंद्र सरकार को अपना जवाब बनाकर भेजेंगे और उसको ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट संसद और जनता के रखें.'
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सिसोदिया ने कहा था कि जब आप राज्य सरकार से पूछोगे ही नहीं तो फिर वह बताएंगे कैसे? दिल्ली में ऑक्सीजन का संकट हुआ था लेकिन बिना जांच के हम यह नहीं कह सकते कि कितनी मौत हुईं? हमने जांच के लिए कमेटी बनाई थी उसको एलजी साहब से कहकर रुकवा दिया कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ संवाद करें.दिल्ली सरकार ने तय किया है कि बेशक केंद्र सरकार ने हमसे पूछा नहीं लेकिन हम केंद्र सरकार को अपना जवाब बनाकर भेजेंगे और उसको ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट संसद और जनता के रखें.
ऑक्सीजन की कमी से मौतों के मामले पर मनीष सिसोदिया ने क्या कहा?