वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया. इसके जरिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक प्रदर्शन का विस्तार से विश्लेषण दिया गया. इसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी है. वित्त वर्ष 2024 में वास्तविक रूप से जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. साथ ही वित्त मंत्री ने मंगलवार को पेश होने वाले बजट को लेकर भी कई संकेत दिए. इसी मुद्दे को लेकर एनडीटीवी ने सीआईआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आईटीसी चेयरमैन संजीव पुरी से बात की.
संजीव पुरी ने कहा कि पिछले साल जब पुरी दुनिया तकलीफ में थी, तब भी हमारी जीडीपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. भारत की इकॉनमी अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है. CII का मानना है कि मौजूद वित्तीय साल में आर्थिक विकास दर 8% रहेगी.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को बजट में मिडिल क्लास के लिए पर्सनल इनकम टैक्स रेट में रिलीफ देना चाहिए. हमने अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री को सुझाव दिया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च 25% तक बढ़ाना जरूरी होगा.
रोजगार के मोर्चे पर आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत को गैर-कृषि क्षेत्र में 2030 तक सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की जरूरत होगी. CII को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बजट 2024-25 में अर्थव्यवस्था में रोजगार बढ़ाने के लिए नए प्रस्ताव शामिल करेंगी.
आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के संकेत- संजीव पुरी
उद्योग जगत का मानना है कि आर्थिक सर्वे में आर्थिक सुधार की प्रक्रिया को सरकार आगे बढ़ाएगी इसके संकेत हैं. एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में संजीव पुरी ने कहा, "जी. नेक्स्ट जनरेशन के आर्थिक सुधार की बात कही गई है. सीआईआई ने अपने बजट-पूर्व ज्ञापन में वित्त मंत्री से भूमि, श्रम, बिजली और कृषि क्षेत्रों सहित प्रस्तावित सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति बनाने के लिए एक संस्थागत मंच बनाने का आग्रह किया है."
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में जारी अनिश्चितता के बावजूद भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.
जीडीपी वृद्धि 6.5%-7% रहने के अनुमान- मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. ए अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वे में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार के आकलन पर कहा, "हमारा अनुमान है कि जीडीपी वृद्धि 6.5%-7% रहेगी. हमें आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को लेकर सतर्क और विवेकपूर्ण रहना होगा. भारत वित्त वर्ष 2025 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. हम भारत के विकास पूर्वानुमान को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए सतर्क भी हैं.
सर्वे में भारत को एक विकसित देश बनाने का एक रोडमैप शामिल है. आर्थिक सर्वे में इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से लेकर कंस्ट्रक्शन, कृषि जैसे क्षेत्रों में आधारभूत सुधार की वकालत की गयी है.