Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान जताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से लेकर 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है, जो दिखाता है कि चालू वित्त वर्ष में भी भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा रहेगा. वहीं आज वित्त मंत्री संसद में आम बजट 2024 पेश करेंगी. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है. इस बजट से आम जनता को काफी उम्मीद है.
मोदी 3.0 सरकार के बजट से इस बार टैक्सपेयर्स को बड़ी उम्मीदें हैं. सैलरी क्लास को इस बार राहत मिलेगी या फिर मायूसी हाथ लगेगी, यह तो वित्त मंत्री के बजट के आखिरी हिस्से को पढ़ने के साथ ही क्लियर हो जाएगी. इस बजट (Budget 2024) को उम्मीदों भरा बजट बताया जा रहा है. दरअसल बजट सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने कुछ बड़ा देने की ओर इशारा किया था, तो ऐसे में आम लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
अभी इनकम टैक्स के नए और पुराने दोनों ऑप्शन में 50 हजार रुपये कै स्टैंडर्ड डिडक्शन है. उम्मीद है कि जिस कदर महंगाई बढ़ी है, उसको देखते हुए सरकार इस पर 50 हजार रुपये और बढ़ा सकती है. मार्केट एक्सपर्ट्स भी यही सुझाव दे रहे हैं..
क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्स स्लैब में बदलाव करेंगी? आज इसपर सबकी नजरें रहने वाली है. चुनाव-पूर्व अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के लोगों के लिए खास ऐलान नहीं किए गए थे. ऐसे में अब बजट ,से आम जनता की उम्मीदें बहुत ज़्यादा बढ़ गई है.
आम लोगों के हित में अगर टैक्स स्लैब में बदलाव होता है तो उनके लिए इससे बड़ी खुशी की बात और कोई नहीं होगी. अभी के टैक्स स्लैब के अनुसार 3 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट है. आम जनता को उम्मीद है कि सरकार इसे 5 लाख रुपये तक कर सकती है. टैक्स स्लैब में बदलाव होने से आम जनता के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद है. .
उम्मीद है कि बजट में युवाओं पर खास ध्यान होगा. रोजगार से जुड़ी कई योजनाएं होंगी, जिनमें सर्विस सेक्टर में रोजगार उन्मुखी प्रोत्साहन योजनाएं संभव हैं. बजट में कौशल विकास को बढ़ावा और माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) पर फोकस हो सकता है .
बजट में विकसित भारत के रोड मैप की झलक देखने को मिल सकती है. भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका बजट में हो सकता है. विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने का रास्ता बजट में बताए जाने की उम्मीद है.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है. इस बजट से टेक्सटाइल सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं. हिंदुस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुशील गादियान ने बजट से उम्मीदें जताई हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कपड़ा उद्योग भारत का दूसरा सबसे बड़ा श्रम प्रधान उद्योग है. कृषि के बाद भारत में कपड़ा उद्योग सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देता हैय सरकार से उम्मीद है कि कपड़ा उद्योग को ज्यादा से ज्यादा राहत दी जाएगी.
बजट से किसानों को खास उम्मीद है. देशभर के किसानों की निगाहें इस बार बजट पर टिकी हुई हैं. नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त जारी की थी. किसान चाहते हैं कि पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त 6000 से 12000 रुपए सालाना किया जाए, छोटे पशुओं का भी बंदोबस्त किया जाए, जो खेती को बर्बाद करते हैं और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दिया जाए.
ईवी वाहनों पर काफी फोकस किया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि ईवी वाहनों पर कई तरह की राहत लोगों को दी जा सकती हैं. इसके अलावा ग्रीन ऊर्जा पर भी फोकस बजट में हो सकता है.
बजट में बुजुर्गों पर भी फोकस हो सकता है, बुजुर्गों को रेलवे यात्रा में छूट की बहाली, OPS पर स्पष्टता, NPS में तय पेंशन और आयुष्मान भारत में पांच लाख तक इलाज...इस तरह की कई उम्मीद बजट से हैं.
देश में महंगाई काफी बढ़ गई है. जिसका सीधा बोझ किचन पर पड़ा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए कुछ कदम बजट में उठाए गए होंगे. ताकि खाने की चीजों के बढ़ते दामों पर लागम लगाई जा सके. हालांकि महंगाई की मार से बेहाल सैलरी क्लास को क्या तोहफा मिलेगा, यह 12 बजे तक ही क्लियर हो पाएगा.
इसके अलावा बजट में महिला, शिक्षा, रेलवे, हेल्थ सेक्टर को लेकर भी कई तरह के ऐलान किए जा सकते हैं.