कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर सैनिक स्कूलों (Sainik Schools) के "निजीकरण" के केंद्र के कदम को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने इसे "उनके राजनीतिकरण की ज़बरदस्त कोशिश" करार दिया. खरगे ने लिखा, "आरटीआई जवाब पर आधारित एक जांच रिपोर्ट" से सामने आया है कि प्राइवेट सैनिक स्कूलों में से 62 प्रतिशत बीजेपी नेताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के हैं. रक्षा मंत्रालय ने कुछ दिन पहले इस आरोप का खंडन करते हुए एक प्रेस नोट जारी कर कहा था कि सिस्टम में सख्त चयन प्रक्रिया शामिल है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "एप्लीकेंट इंस्टीट्यूशन की राजनीतिक या वैचारिक संबद्धता से चयन प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इस योजना पर आरोप लगाकर इसके उद्देश्यों और इंप्लीमेंटेशन का राजनीतिकरण करने की कोशिश अनुचित और भ्रामक है."
"सशस्त्र बलों को राजनीति विचारधारा से दूर रखा गया"
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने दो पन्नों के पत्र में कहा, "भारतीय लोकतंत्र में पारंपरिक रूप से हमारे सशस्त्र बलों को किसी भी पक्षपातपूर्ण राजनीति से दूर रखा गया है. देश की पिछली सरकारों ने सशस्त्र बलों और उसके सहयोगी संस्थानों पर किसी भी राजनीतिक विचारधारा की छाया तक नहीं पड़ने दी."
खरगे ने आगे लिखा, "केंद्र सरकार ने इस पुरानी परंपरा तो तोड़ दिया, इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है... उन्होंने सशस्त्र बलों की प्रकृति और लोकाचार पर गहरा आघात किया है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रीय हित में इस निजीकरण नीति को पूरी तरह से वापस लिया जाए और रद्द किया जाए ताकि सशस्त्र बल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे राष्ट्र की सेवा के लिए आवश्यक वांछित चरित्र, दृष्टि और सम्मान बरकरार रख सकें.
"62% सैनिक स्कूल RSS-बीजेपी से संबंधित"
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी चिट्ठी में इस बात का भी जिक्र किया कि 2021 में शुरू हुई नई सार्वजनिक-निजी भागीदारी समझौता प्रणाली के तहत 40 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे. उन्होंने कहा कि जिन 40 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, उनमें से 62% RSS-बीजेपी-संघ परिवार से संबंधित व्यक्तियों और संगठनों से संबंधित हैं. इसमें एक मुख्यमंत्री का परिवार, कई विधायक, बीजेपी पदाधिकारी और आरएसएस नेता भी शामिल हैं."
निजीकरण नीति को वापस लेने की मांग
खरगे ने चिट्ठी में आगे लिखा कि कांग्रेस राष्ट्रीय हित में इस निजीकरण नीति को पूरी तरह से वापस लेने और इन एमओयू को रद्द करने की मांग करती है. वहीं रक्षा मंत्रालय ने अपने नोट में कहा कि सरकार ने "शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों/राज्य सरकार/निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश भर में 100 स्कूल शुरू करने की प्लानिंग की है. इसमें एक कठोर चयन प्रक्रिया है. 500 से ज्यादा आवेदनों को स्कैन करने के बाद सिर्फ 45 स्कूलों को मंजूरी दी गई है. सरकार ने कहा कि इन स्कूलों को मंजूरी अस्थायी तौर पर दी गई है और समय-समय पर इनकी निगरानी की जाएगी.
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