विश्व में लैंगिक असमानता और बाधाओं के बहस के बीच यूनेस्को की एक रिपोर्ट लड़कियों को लेकर एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदर्शित करती है. यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग रिपोर्ट (UNESCO's Global Education Monitoring Report) के अनुसार, गणित में लड़कियां भी क्लास में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. बता दें कि इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में 120 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक वर्षों में लड़के गणित में लड़कियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं. लेकिन बाद में यह अंतर खत्म हो जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, गरीब देशों में भी यह लैंगिक असमानता खत्म हो गई है. वहीं कुछ देशों में यह अंतर धीरे-धीरे गायब हो रही है.
उदाहरण के लिए, ग्रेड 8 तक गणित में लड़कियों के पक्ष में मलेशिया में 7 प्रतिशत अंक, कंबोडिया में 3 , कांगो में 1.7 अंक और फिलीपींस में 1.4 प्रतिशत अंकों का अंतर है. हालांकि, पूर्वाग्रह और रूढ़िवादिता की वजह से लड़कियों में गणित सीखने को लेकर लालसा प्रभावित हो सकती है.
भले ही लड़कियां उच्च प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में गणित में पकड़ बना रही हों, लेकिन अब भी दुनिया के सभी देशों में गणित में उच्चतम प्रदर्शन करने वालों में लड़के ही हैं. बता दें कि मध्यम और उच्च आय वाले देशों में माध्यमिक विद्यालय में लड़कियां विज्ञान में काफी अधिक अंक प्राप्त कर रही हैं. इसके बावजूद लड़कियों के साइंस में करियर चुनने की कम संभावना यही दर्शाता है कि पूर्वाग्रह और रूढ़िवादिता की वजह से उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है.
प्राथमिक शिक्षा में सबसे बड़ा अंतर सऊदी अरब में दिखता है. यहां ग्रेड 4 में 77% लड़कियां और 51% लड़के पढ़ने में न्यूनतम दक्षता हासिल करते हैं. यह अंतर थाईलैंड में 18 प्रतिशत , डोमिनिकन गणराज्य में 11 और मोरक्को में 10 प्रतिशत है. मध्यम और उच्च आय वाले देशों में माध्यमिक विद्यालय में लड़कियां विज्ञान में काफी अधिक अंक प्राप्त कर रही हैं.
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