मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की पहली बैठक दिल्ली में भारत की अगुवाई में हुई. इस बैठक में अफ़ग़ानिस्तान के मौजूदा हालात, क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर चर्चा हुई. साथ ही इस पर सहमति बनी कि अफ़ग़ानिस्तान में शांति, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता बनी रहे और कोई भी उसके आंतरिक मामलों में दख़ल ना दे. बैठक में इस बात पर भी ज़ोर दिया गया कि अफ़ग़ानिस्तान का इस्तेमाल आतंकी पनाहगाह के तौर पर, दूसरे देशों के खिलाफ आतंकी हमलों की साज़िश के लिए इस्तेमाल ना हो. संयुक्त राष्ट्र नामित किसी आतंकी को वहां पनाह न दिया जाए.
अफ़ग़ानिस्तान में लगातार बिगड़ते मानवीय हालात को देखते हुए साथ मिलकर मानवीय मदद की बात की गई. बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई कि आतंकी प्रोपेगैंडा, फ़ंडिंग और आतंकी रिक्रूटमेंट मध्य एशिया के लिये बड़ी समस्या हैं और इस से साथ मिलकर निबटना होगा. आतंक के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल, ड्रग ट्रैफ़िकिंग, साइबर स्पेस में ग़लत जानकारियां और ड्रोन का इस्तेमाल नई चुनौतियां हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों का इस पहली बैठक में चाबहार बंदरगाह पर भी बात हुई और इस बात की सराहना की गयी कि कैसे अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय समस्या के वक्त इसने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कैसे इसका इस्तेमाल व्यापार और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया जा सकता है.
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बैठक में सभी देशों से आतंक के मामले में संयुक्त राष्ट्र के नियमों का पालन करने पर ज़ोर दिया. इस बैठक में इस फ़ॉर्मेट पर बैठकों के लिए सहमति बनी.
ये भी पढ़ें-