उमेश पाल हत्‍याकांड : ग्रेटर नोएडा में मिली अतीक अहमद की कोठी, यहां भी चल सकता है बुलडोजर

उमेश पाल की बीते सप्‍ताह प्रयागराज के धूमनगंज में योजनाबद्ध तरीके से अंधाधुंध गोलियां बरसाकर और बम फोड़कर हत्‍या कर दी गई थी. उमेश पाल साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्‍या का अहम गवाह था. इस सनसनीखेज वारदात में उमेश पाल का सुरक्षाकर्मी भी मारा गया था.

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जांच एजेंसियां दूसरे राज्यों में स्थित अतीक अहमद की संपत्तियां भी खंगाल रही हैं.
ग्रेटर नोएडा:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोपी अतीक अहमद की ग्रेटर नोएडा में एक कोठी भी है. जांच में पता चला है कि अतीक अहमद का सेक्‍टर-36 में मन्नत नाम से एक आलीशान मकान है. बताया जा रहा है कि इसी मकान में रहकर अतीक के बेटे ने पढ़ाई की थी. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. इसके बाद जांच एजेंसियों की निगाह अतीक के ग्रेटर नोएडा लिंक पर टिक गई है. माना जा रहा है कि इस कोठी पर भी बुलडोजर चलाया जा सकता है.

सेक्टर 36 की ए ब्लॉक में स्थित मकान नंबर 107 में एक राजमिस्त्री अपने परिवार के साथ पिछले 6 साल से रह रहा है. पुलिस की पूछताछ के दौरान राज मिस्त्री ने बताया कि 6 साल पहले एक व्यक्ति ने उसके घर के रखरखाव के लिए रखा था, लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं आया. पुलिस प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है. मकान कब अलॉट किया गया था और इसका इस्तेमाल किस लिए किया जाता था, इसका पता लगाया जा रहा है.

1994 में अलॉट हुई थी कोठी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार 90 वर्ग मीटर का प्लॉट अतीक अहमद को 9 मार्च 1994 में अलॉट किया गया था, जिसकी अलॉटमेंट आईडी C-13018 है. जानकारी के बाद एलआइयू और पुलिस टीम अतीक के इस मकान पर पहुंची. वहां राजमिस्त्री पप्पू मिला. वह पिछले छह साल से परिवार के साथ रह रहा था. चार नाबालिग भी इसी घर में रहते हुए मिले. पप्पू ने पुलिस को बताया कि छह साल पहले उसको एक व्यक्ति ने घर का रखरखाव करने के लिए रखा था. उसके बाद से वह वापस नहीं आया. वह इस मकान का किराया नहीं देता है सिर्फ बिजली का बिल जमा करता है.

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अतीक के बेटे ने यहीं रहकर की पढ़ाई
सारे मामले की जांच पुलिस प्रशासन ने शुरू कर दी है. जानकार बताते है कि अतीक के बेटे ने यहां रह कर ग्रेटर नोएडा के एक नामी कॉलेज से पढ़ाई की थी. अतीक अहमद कभी-कभी यहां पर आता था और इसी मकान पर अतीक को रंगदारी और वसूली की रकम अदा की जाती थी. वर्तमान में इस मकान में अलग से चैनल का गेट लगा है. उसी से यह लोग मकान के अंदर आते-जाते हैं. बाहर से देखने से ऐसा लगता है.  जैसे कोई अंदर नहीं रहता है. मेन गेट पर बाहर से ताला भी लटका रहता है.

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बीते हफ्ते हुई थी उमेश पाल की हत्या
बता दें कि उमेश पाल की बीते सप्‍ताह प्रयागराज के धूमनगंज में योजनाबद्ध तरीके से अंधाधुंध गोलियां बरसाकर और बम फोड़कर हत्‍या कर दी गई थी. उमेश पाल साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्‍या का अहम गवाह था. इस सनसनीखेज वारदात में उमेश पाल का सुरक्षाकर्मी भी मारा गया था. 

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