'खाना-पानी नहीं है, शून्‍य से नीचे पहुंचा तापमान, कृपया हमें निकालिए' : यूक्रेन में फंसे भारतीय स्‍टूडेंट्स की गुहार

ग्रुप के एक छात्र ने वीडियो मैसेज में कहा, 'हम पिछले दो दिन से यहां बिना खाने-पानी के फंसे हुए हैं. करीब एक हजार स्‍टूडेंट यहां अटके हैं. कांटेक्‍टर लीव जाने की बस के लिए 500 से 700 डॉलर की मांग कर रहा है. हमें दूतावास की ओर से कोई अपडेट नहीं मिला है. '

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स्‍टूडेंट्स का ग्रुप पिछले दो दिन से पिसोचिन में फंसा हुआ है
नई दिल्‍ली:

Ukraine Russia War: युद्ध प्रभावित पूर्वी यूक्रेन में फंसे भारतीय स्‍टूडेंट के एक ग्रुप ने उन्‍हें पश्चिमी सीमा पर ले जाने के लिए मदद की अपील की है ताकि वे यहां से पड़ोसी देश में प्रवेश कर सकें और वहां से उनकी सुरक्षित घर वापसी संभव हो सके. भारत सरकार की ओर से यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव को छोड़ने की अर्जेंट एडवाइजरी के बाद ये स्‍टूडेंट पिछले दो दिन से पिसोचिन (Pisochyn) में हैं. खारकीव पर रूस की ओर से लगातार गोलाबारी और मिसाइल हमला यिा गया है. स्‍टूडेंट्स का कहना है कि इन्‍होंने दो दिन से कुछ खाया नहीं है. इलाके में भारी बर्फबारी हो रही है और तापमान जमाव बिंदु से भी नीचे माइनस में पहुंच गया है. ऐसी में ये स्‍टूडेंट तमाम परेशानियों को सामना कर रहे हैं. 

ग्रुप के एक छात्र ने वीडियो मैसेज में कहा, 'हम पिछले दो दिन से यहां बिना खाने-पानी के फंसे हुए हैं. करीब एक हजार स्‍टूडेंट यहां अटके हैं. कांटेक्‍टर लीव जाने की बस के लिए 500 से 700 डॉलर की मांग कर रहा है. हमें दूतावास की ओर से कोई अपडेट नहीं मिला है. ' इस छात्र ने कहा, 'हमें कहा गया था कि यदि हमें बस नहीं मिलती तो हमें पैदल रेलवे स्‍टेशन जाना चाहिए और शहर से बाहर की ट्रेन लेनी चाहिए.' एक अन्‍य स्‍टूडेंट ने कहा, 'लेकिन दूतावास में हमारा जिससे संपर्क हुआ, उसे हमें चलने के लिए नहीं बल्कि रुकने को कहा क्‍योंकि यह खतरनाक है. हमें समझ नहीं आ रहा,क्‍या करें? ' पहले छात्र ने कहा, 'हमें विरोधाभासी खबरें मिल रही हैं, कुछ भी स्‍पष्‍ट नहीं है. दूतावास की ओर  से कहा जाता है-हम कर रहे हैं, हम कर रहे हैं. लेकिन क्‍या? तापमान तेजी से नीचे गिरता जा रहा है, आप यहां बर्फबारी देख सकते हैं.' दूसृरे स्‍टूडेंट ने गुहार लगाई-कृपया किसी तरह हमें घर पहुंचाइए. 

भारतीय दूतावास ने पिछले सप्‍ताह खारकीव, सुमी और कीव में भारी संघर्ष को लेकर चेतावनी जारी की थी. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सुमी में ट्रेन और बसें चलनी बंद हो गई हैं. शहर से बाहर पहुंचाने वाले रास्‍ते और ब्रिज तबाह गए हैं और यहां सड़क पर जोरदार  संघर्ष चल रहा है. इस बीच, केंद्र सरकार ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने की कोशिशें तेज कर दी हैं. सरकार ने गुरुवार को यूक्रेन के खारकीव शहर में रह रहे भारतीय नागरिकों से एक फॉर्म भरने की अपील की, ताकि निकासी के काम में तेजी लाई जा सके. सूत्रों ने बताया कि खारकीव अब व्‍यावहारिक तौर पर रूस के नियंत्रण में है और रूसी शहर से भारतीयों को बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं. 

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