प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आज बात की और पूर्वी यूक्रेन के खारकीव शहर के हालातों पर चर्चा की, जहां एक हजार से ज्यादा भारतीय छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं. सरकारी सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि खरकीव अब करीब-करीब रूस के नियंत्रण में है और रूसियों की मदद से भारतीय छात्राओं को ट्रेन से यूक्रेन की पश्चिमी सीमा की ओर रवाना किया जा चुका है तथा अब लड़कों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.
विदेश मंत्रालय ने बयान कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति की समीक्षा की, खासकर खारकीव की, जहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.'' बयान में कहा गया है कि उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र से भारतीयों की सुरक्षित निकासी पर चर्चा की.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ मतदान से परहेज किया. यूएनजीए की बैठक में यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान को रोकने की मांग करने वाला प्रस्ताव 141 मतों (पक्ष में) के साथ पारित किया गया. इसके विरोध में पांच मत पड़े जबकि 35 सदस्यों ने प्रस्ताव से दूरी बनाई.
भारतीयों की सुरक्षित निकासी की चिंताओं के बीच एक सरकारी अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "रूसियों के साथ बहुत कई चीजों पर बात चल रही है. वास्तव में, अब वे भारतीयों को निकालने में हमारी मदद कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "रूसी सेना ने उन इलाको को फिलहाल छोड़ दिया है, जिन्हें हमने टारगेट नहीं करने के लिए कहा था... हम अपने छात्रों को निकलने देने के लिए सुरक्षित मार्ग को लेकर रूसियों के साथ गठजोड़ की कोशिश कर रहे हैं."
सुबह से हो रही भारी रूसी बमबारी के बीच हजार के करीब छात्र खारकीव स्टेशन पर फंसे हुए थे. फंसे हुए भारतीयों ने कहा कि उन्हें ट्रेन में बैठने नहीं दिया जा रहा है और जो लोग बैठ जा रहे हैं उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया.
कुछ छात्रों ने कहा कि उन्हें पीटा गया. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से तुरंत मदद भेजने की अपील की थी.
यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर खार्किव कल से भारी गोलाबारी की चपेट में है, जिसमें एक भारतीय छात्र की मौत भी हो गई. रूसी हमलों के और तेज होने की आशंका के बीच, आज शाम भारत ने अपने सभी नागरिकों को स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजे (भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे) तक शहर खाली करने के लिए कहा है. साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि यदि आवश्यक हो तो पैदल ही पिसोचिन, बाबई या बेज़लुदिवका की तरफ जाएं और हर हाल में खारकीव खाली कर दें.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि एडवाइजरी रूसियों के इनपुट पर आधारित थी, जिनकी सेना आज खारकीव में पहुंची, जिससे सड़कों पर जमकर झड़पें हुईं.
गौरतलब है कि यूक्रेन के शहर खारकीव को शाम 6 बजे तक छोड़ने की भारतीय दूतावास की एडवायज़री के बाद 1000 हज़ार से ज़्यादा भारतीय छात्र शहर से बाहर की तरफ निकल पड़े हैं. यूक्रेन में बढ़ते रूसी हमलों के बीच खारकीव रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों भारतीय छात्र ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अचानक आई एडवायज़री के बाद वहां से पैदल ही खारकीव से बाहर निकल पड़े हैं. खारकीव से निकलने छात्र पेसोचिन, बाबाये और बेजलियुडोवका की ओर बढ़ रहे हैं. इनमें सबसे करीब पेसेचिन है. जो खारकीव से लगभग 12 किलोमीटर दूर एक कस्बा है. यहां तक खारकीव से पैदल पहुंचने में दो-ढ़ाई घंटे का समय लगेगा.
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