उज्जैन में दरिंदगी की शिकार बच्ची की मदद नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई, पुलिस कर रही ऐसे लोगों की पहचान

उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) जयंत सिंह राठौड़ ने कहा, "किसी अपराध की रिपोर्ट करने या केस दर्ज कराने में नाकाम रहने पर उन्हें यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है."

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भोपाल:

मध्य प्रदेश के उज्जैन में दरिंदगी (Ujjain Rape Case) की शिकार हुई 12 से 15 साल की बच्ची की मदद नहीं करने वालों पर भी पुलिस कार्रवाई कर सकती है. मदद की गुहार लगा रही बच्ची को दुत्कारने वाले लोगों के खिलाफ बाल यौन शोषण विरोधी कानूनों के तहत आरोप तय किए जा सकते हैं. मध्य प्रदेश के सीनियर पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को NDTV को यह जानकारी दी. उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) जयंत सिंह राठौड़ ने कहा, "किसी अपराध की रिपोर्ट करने या केस दर्ज कराने में नाकाम रहने पर उन्हें यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है."

उज्जैन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) जयंत सिंह राठौड़ ने कहा, "कम से कम ऐसे एक शख्स की पहचान की गई है. एक ऑटो रिक्शा चालक है, जिसे मामले की जानकारी थी. लेकिन उसने जानबुझकर पुलिस को सूचना नहीं दी. ऑटो रिक्शा ड्राइवर की पहचान राकेश मालवीय के तौर पर हुई है. उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है" पुलिस अधिकारी ने कहा, "वारदात से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को बारीकी से देखा जा रहा है. अगर ऐसे और लोगों की पहचान होती है, तो उनके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा." 

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पुलिस अधिकारी ने कहा, "ऑटो रिक्शा चालक ने बच्ची को ऑटो में बिठाया था. ऑटो की सीट पर खून के धब्बे मिले. लेकिन उसने पुलिस को बच्ची की हालत के बारे में नहीं बताया."

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अब सवाल यह है कि क्या इसी तरह जिन अन्य लोगों ने उसकी मदद करने से इनकार कर दिया, उन्हें भी पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा? क्या वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने बच्ची को आधे-अधूरे कपड़ों और खून से लथपथ हालत में देखा. लेकिन उसकी मदद करना जरूरी नहीं समझा और उसके मुंह पर घर का दरवाजा बंद कर दिया?

किसी ने पीड़िता को 50 रुपये दिए, किसी ने 100 का नोट थमाया
NDTV ने इससे पहले एक सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति को खून से लथपथ बच्ची को दौड़ाते हुए दिखाया था. दिल दहला देने वाली क्लिप में बच्ची ने एक दरवाजे के सामने झुकती है और मदद की गुहार लगाती है. उस फुटेज की पुलिस समीक्षा से पता चला कि अन्य लोग भी उतने ही निर्दयी थे.

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हालांकि, उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उन्होंने अपने बयान में कहा कि कुछ लोगों ने बच्ची को पैसे देकर मदद की थी. उन्होंने कहा, "हमने वीडियो का पता लगाया और इलाके के लोगों से पूछताछ की. इलाके के एक दो लोगों ने पैसे देकर बच्ची की मदद की थी. किसी ने उसे 50 रुपये दिए, तो किसी ने 100 का नोट थमाया."

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टोल बूथ पर कर्मचारियों ने की मदद
सचिन शर्मा ने NDTV को बताया, "रास्ते में उसने एक टोल बूथ पार किया. वहां के कर्मचारियों ने उसे पैसे और कुछ कपड़े दिए. कम से कम सात-आठ लोगों ने उसकी मदद करने की कोशिश की." हालांकि, इनमें से किसी ने भी उसे नहीं रोका और न ही पुलिस को इसकी सूचना दी. आखिरकार दांडी आश्रम के संचालक राहुल शर्मा ने बच्ची को कपड़े दिए और उसे खाना खिलाया. फिर उन्होंने ही पुलिस को इसकी सूचना दी.

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दांडी आश्रम के संचालक ने दिए कपड़े, पुलिस को किया फोन
दांडी आश्रम के संचालक राहुल शर्मा ने कहा, "मैंने बच्ची को आश्रम के सामने से आते देखा. उसकी हालत खराब थी. खून निकल रहा था. कपड़े फटे हुए थे. मैंने अपना अंगवस्त्र उसे ओढ़ने के लिए दिया. उससे घर के बारे में पूछा, तो उसने कुछ बोला, लेकिन भाषा समझ नहीं आई. मैंने फिर इशारा करते हुए खाने के लिए पूछा, तो उसने हां कह दिया. मैंने आश्रम में बना नमकीन दलिया उसे खाने को दिया. उससे माता-पिता के बारे में पूछा, लेकिन वह कुछ बोल नहीं सकी." 

दांडी आश्रम के संचालक राहुल शर्मा ने कहा, "मैंने महाकाल थाने और डायल 100 को फोन किया. इस दौरान वहां कुछ लोग और अधिकारी भी आ गए. लोगों को देखकर लड़की डर गई. वह मेरे पीछे आकर छिपने की कोशिश करने लगी. मैंने उसे सांत्वना दी. लड़की को जिला अस्पताल पहुंचाया गया. हालत बिगड़ने पर वहां से इंदौर रेफर कर दिया गया. यहां डॉक्टरों ने रेप की पुष्टि की."

आरोपी ऑटो ड्राइवर गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी पहचान भरत सोनी के तौर पर हुई है. वह ऑटो रिक्शा चलाता है. पुलिस कस्टडी में आरोपी ने भागने की कोशिश की थी, चोट लगने से उसका पैर फ्रैक्चर हो गया है. फिलहाल वह जिला अस्पताल में भर्ती है. इसके अलावा पुलिस ने 4  लोगों को भी हिरासत में लिया है, लेकिन उनके पहचान उजागर नहीं की गई है.


 

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