सावधान! घर बैठे विदेशी डिग्री दिलाने वाले ऑफर के झांसे में न आना... UGC ने छात्रों को किया आगाह

यूजीसी ने आगाह किया कि कई भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान विदेशी संस्थानों या एजुकेशनल प्रोवाइडर्स से अपने समझौतों का हवाला देकर जॉइंट डिग्री, डुअल डिग्री और घर बैठे पढ़ाई जैसे ऑफर दे रहे हैं. ऐसा कोई भी कोर्स करने से पहले चेक कर लें कि वह वैलिड हैं या नहीं.

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  • कई संस्थान ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों की डिग्री-डिप्लोमा दे रहे हैं, जो UGC से मान्यता प्राप्त नहीं हैं.
  • यूजीसी ने कहा है कि विदेशी संस्थानों से अवैध रूप से मिलीभगत करके बांटी जा रही डिग्रियां वैध नहीं हैं.
  • ऐसे कोर्स करने से पहले यूजीसी की वेबसाइट पर मान्यता प्राप्त संस्थानों की लिस्ट और दिशानिर्देश देख लें.
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नई दिल्ली:

आजकल विदेशी यूनिवर्सिटी और संस्थानों की डिग्री लेना एक नया ट्रेंड बन गया है. लेकिन इसकी आड़ में भारी धोखाधड़ी भी हो रही है. कई संस्थान ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कोलैबोरेशन का हवाला देकर डिग्री-डिप्लोमा बांट रहे हैं, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)  से मान्यता प्राप्त ही नहीं हैं. कई एडटेक कंपनियां भी ऑनलाइन विदेशी डिग्री का झांसा दे रही हैं. यूजीसी ने छात्रों को इनके झांसे में न आने के लिए आगाह किया है और कहा है कि ऐसे विदेशी संस्थानों के डिग्री-डिप्लोमा भारत में मान्य नहीं हैं. 

अवैध गठजोड़ से बांटी जा रही डिग्री मान्य नहीं

यूजीसी ने एक नोटिस जारी करके कहा है कि भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) और विदेशी संस्थानों-कॉलेजों के बीच अवैध रूप से मिलीभगत करके बांटी जा रही डिग्रियां-डिप्लोमा वैध नहीं माने जाएंगे. छात्रों को ऐसे कोर्स में दाखिला लेने से पहले पूरी सावधानी से जांच कर लेनी चाहिए. इससे पहले, यूजीसी ने 12 दिसंबर 2023 को पब्लिक नोटिस जारी करके आगाह किया था.

खतरे में पड़ सकता है छात्रों का भविष्य

यूजीसी ने बताया कि उसे पता चला है कि कई भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों ने विदेशी शिक्षण संस्थानों या एजुकेशनल प्रोवाइडर्स के साथ ऐसे समझौते कर लिए हैं, जिन्हें यूजीसी से मान्यता प्राप्त नहीं है. अपने इन समझौतों के हवाले से ये संस्थान जॉइंट डिग्री, डुअल (दोहरी) डिग्री के अलावा भारत में ही पढ़ाई करके विदेशी डिग्री व सर्टिफिकेट लेने जैसे ऑफर दे रहे हैं. लेकिन इस तरह के अवैध गठजोड़ छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल सकते हैं.

यूजीसी ने साफ कहा है कि कोई भी भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान किसी विदेशी शिक्षण संस्थान या एजुकेशनल प्रोवाइडर्स के सहयोग से तब तक कोई डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर नहीं कर सकता, जब तक कि उस विदेशी संस्थान को यूजीसी से विधिवत मान्यता न मिल गई हो. ऐसी डिग्री-डिप्लोमा भारत में उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए वैध नहीं माने जाएंगे.

ऐसे संस्थानों पर यूजीसी कर रहा कार्रवाई

यूजीसी ने कहा है कि कई एडटेक कंपनियां भी अखबारों, सोशल मीडिया और टीवी पर विज्ञापन देकर ऐसे विदेशी संस्थानों के जरिए ऑनलाइन मोड में डिग्री-डिप्लोमा कोर्स करवाने का प्रचार कर रही हैं. यूजीसी का कहना है कि इस तरह के कोलैबोरेशन मान्यता प्राप्त नहीं हैं. ऐसी डिग्रियों की कोई वैल्यू नहीं है. आयोग नियमों का उल्लंघन करने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों और एडटेक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. 

यूजीसी की बेवसाइट पर चेक जरूर कर लें

यूजीसी ने छात्रों को सलाह दी है कि वे किसी भी ऐसे कोर्स में दाखिला लेने से पहले अच्छी तरह जांच कर लें, जो किसी विदेशी संस्थान के सहयोग से ऑफर किया जा रहा हो. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वह विदेशी उच्च शिक्षा संस्थान यूजीसी से मान्यता प्राप्त हो. यूजीसी ने कहा कि किसी भी विज्ञापन या प्रचार पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और एडमिशन लेने से पहले यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मान्यता प्राप्त संस्थानों की लिस्ट और दिशानिर्देशों जरूर देख लें. 

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