उद्धव ठाकरे ने दिया सामना को इंटरव्यू, कहा - 'हिंदुओं पर भी लागू हो रही है एनआरसी'

SIR मुद्दे पर उद्धव ठाकरे का सीधा कहना है कि, 'महाराष्ट्र में 60 लाख नए मतदाता जुड़ गए हैं. राहुल गांधी इसे एक सोची-समझी गड़बड़ी बता रहे हैं... ये गंभीर मामला है. इतने नए मतदाता अचानक कहां से आ गए?'

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  • उद्धव ठाकरे ने कहा कि ठाकरे नाम महाराष्ट्र, मराठी समाज और हिंदू अस्मिता की पहचान है, इसे खत्म करने की साजिश हो रही है.
  • उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत की ताकि चुनाव परिणामों पर किसी को संदेह न हो.
  • 'विधानसभा में हार की वजह समन्वय की कमी, “मैं” की भावना और किसान कर्जमाफी जैसे तकनीकी मुद्दे रहे'
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शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकर ने सामना को दिए इंटरव्यू में कई बड़ी बातें कहीं हैं. उन्होंने कहा वन नेशन, वन इलेक्शन से लेकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत की है. साथ ही बोले कि 'ठाकरे' नाम को खत्म करने की साजिश लगातार की जा रही है.

मुख्य बातें

  • 'बिहार में पहचान के नाम पर हिंदुओं पर भी एनआरसी जैसे हालात'
  • बैलेट पेपर से चुनाव की वकालत
  • 'ठाकरे' नाम को खत्म करने की साजिश पर खुलकर बोले
  • वन नेशन, वन इलेक्शन पर जताई चिंता. 'देश वन पार्टी, नो इलेक्शन की ओर बढ़ रहा है'
  • 'ठाकरे नाम केवल एक ब्रांड नहीं अस्मिता की पहचान'

'ठाकरे नाम केवल एक ब्रांड नहीं अस्मिता की पहचान'

ठाकरे नाम को ब्रांड मानने के सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'ठाकरे केवल एक ब्रांड नहीं है. ये महाराष्ट्र, मराठी समाज और हिंदू अस्मिता की पहचान है. इस पहचान को मिटाने की कोशिश करने वाले खुद इतिहास में गुम हो गए. बहुत लोग आए और गए, लेकिन जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया. ठाकरे नाम को कमजोर करने के लिए कई 'नकली ब्रांड' बनाए जा रहे हैं. कुछ लोगों को अपने सिवा किसी और के अस्तित्व से परेशानी है.'

'बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए'

बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर उद्धव ठाकरे ने राय रखी कि, 'बैलेट पेपस से चुनाव होने चाहिए ताकि परिणाम पर किसी को शक न हो. EVM पर सवाल उठना स्वाभाविक है. लोकतंत्र की पवित्रता बनाए रखने के लिए बैलेट पेपर की वापसी जरूरी है.'

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'विधानसभा चुनाव “मैं” की भावना से हारे'

लोकसभा में हुई हार पर उद्धव ठाकरे बोले कि, 'समन्वय की कमी एक वजह थी, लेकिन असली समस्या ये थी कि लोकसभा में “हम” की भावना थी और विधानसभा में “मैं” की. साथ ही किसान कर्जमाफी जैसे तकनीकी मुद्दे भी हार की वजह रहे.'

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SIR मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया

SIR मुद्दे पर उद्धव ठाकरे का सीधा कहना है कि, 'महाराष्ट्र में 60 लाख नए मतदाता जुड़ गए हैं. राहुल गांधी इसे एक सोची-समझी गड़बड़ी बता रहे हैं... ये गंभीर मामला है. इतने नए मतदाता अचानक कहां से आ गए? बिहार में लोगों से पहचान का सबूत मांगा जा रहा है. ये प्रक्रिया एनआरसी जैसी ही लगती है और अब वो हिंदुओं पर भी लागू हो रही है.'

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'देश को धीरे-धीरे ‘वन पार्टी, नो इलेक्शन' की ओर ले जाया जा रहा'

‘वन नेशन, वन इलेक्शन' के सवाल पर उद्धव ठाकरे बोले कि, 'मौजूदा सत्ता की राजनीति अब तानाशाही की ओर बढ़ रही है. पहले कुछ फैसले हमें भी सही लगे थे, जैसे अनुच्छेद 370 हटाना. ‘एक निशान, एक विधान, एक प्रधान' ये नारा हम सबने सुना है. लेकिन, अब ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' की बात हो रही है, इसके बाद ‘वन नेशन, वन लैंग्वेज' आएगा. बीजेपी अध्यक्ष नड्डा कह चुके हैं कि भविष्य में देश में सिर्फ एक ही पार्टी होगी. यानी देश को धीरे-धीरे ‘वन पार्टी, नो इलेक्शन' की ओर ले जाया जा रहा है.

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