"शिंदे और फडणवीस सरकार में हिम्मत नहीं"; राज्यपाल की शिवाजी पर विवादित टिप्पणी से खफा उद्धव खेमा

महाराष्ट्र के राज्यपाल बी एस कोश्यारी की शिवाजी महाराज पर की गई टिप्पणी विवादों में आ गई. जिसकी शिवसेना और एनसीपी जमकर आलोचना कर रही हैं.

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मुंबई:

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की छत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है. राज्यपाल ने शनिवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में शिवाजी को "पुराने समय का प्रतीक" कहा था. राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि युवाओं को अब आइकन के तौर पर बी आर अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को देखने की जरूरत है. उनके इस बयान पर एनसीपी और उद्धव ठाकरे खेमा काफी खफा नज़र आ रहा है.

शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में मराठी गौरव के प्रतीक "अपमान" के लिए राज्यपाल से माफी मांगने की मांग की. वहीं भाजपा से राज्यपाल की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करने को भी कहा. सामना के संपादकीय में कहा गया, 'राहुल गांधी की सावरकर पर टिप्पणी की तरह राज्यपाल के बयान को उनकी 'निजी राय' नहीं कहा जा सकता. महाराष्ट्र के लोगों की भी 'निजी राय' है कि जो भी छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करेगा, उसे राज्य के सामने माफी मांगनी होगी.'

संपादकीय में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की "चुप्पी" पर निशाना साधा गया है. साथ ही कहा गया कि शिंदे और फडणवीस सरकार में राज्यपाल का विरोध करने की हिम्मत नहीं है." शिवसेना के मुखपत्र ने भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के उस बयान की भी निंदा की जिसमें दावा किया गया था कि शिवाजी ने मुगल बादशाह औरंगजेब से पांच बार माफी मांगी थी. संपादकीय में महाराष्ट्र के लोगों से "उठने और राज्यपाल के बयान का विरोध करने" के लिए कहा गया है.

राज्यपाल ने औरंगाबाद में डॉ अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में अपने भाषण के दौरान कहा. ''पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकॉन कौन है-जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी इसका जवाब हुआ करते थे. महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है (क्योंकि) यहां बहुत सारे आइकन हैं. जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के हैं, लेकिन अब बी आर अम्बेडकर और नितिन गडकरी हैं," 

इस बीच राज्य में राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों के विरोध का सामना कर रहे डिप्टी सीएम फडणवीस ने रविवार को कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सुधांशु त्रिवेदी की टिप्पणी को विपक्ष ने गलत तरीके से समझा. फडणवीस ने कहा, "एक बात बहुत साफ है कि छत्रपति शिवाजी महाराज सूर्य और चंद्रमा के अस्तित्व तक महाराष्ट्र और हमारे देश के नायक और मूर्ति बने रहेंगे."

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