राजस्थान (Rajasthan) में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी जिला अस्पताल (District hospital) में वार्मर के बढ़े तापमान से झुलस कर दो नवजात बच्चों की मौत हो गई. मासूमों की मौत के बाद अस्पताल में पीड़ित परिवार के सदस्यों व उनके रिश्तेदारों ने हंगामा किया और दोषी कर्मचारियों को कड़ी सजा दिलाने और आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की. पुलिस ने कहा कि घटना के तुरंत बाद 21 दिन की बच्ची की मौत हो गई, जबकि गुरुवार को बच्चे की मौत हो गई।
अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि घटना के समय ड्यूटी पर तैनात दो संविदा नर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं और एक जांच समिति का गठन किया गया है. बुधवार को पीड़ित नवजात के परिजनों के हंगामे के बाद संविदा कर्मियों पर कार्रवाई कर जांच कमेटी का गठन किया गया है. अधिकारी ने कहा, "समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी."
गैर-प्रशिक्षित कर्मचारियों को एनआइसीयू में लगाया
मृतक बच्चों के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में गंभीर लापरवाही की है. उन्होंने एनआइसीयू में लगाए गए स्टाफ को प्रशिक्षण नहीं दिलाया. वह ना तो वार्मर मशीन चलाना जानते थे और ना ही उस कंट्रोल करना. इसके चलते आवश्यकता से अधिक हीट दिए जाने से दो बच्चे जलते रहे और वहां मौजूद कर्मचारियेां को इसका पता भी नहीं चला. परिजन अपने बच्चों को देखने गए तब उनके झुलसने का पता चला था.
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