- झालावाड़ में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मृत्यु हो गई, जिसमें एक परिवार के दोनों बच्चे शामिल हैं
- हादसे में मारे गए सात वर्षीय कान्हा और उसकी बड़ी बहन मीना के पिता का आंगन सूना हो गया है और परिवार मातम में है
- बच्चों की मां अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत ख़राब बताई जा रही है, जबकि पिता भी मानसिक रूप से टूट चुके हैं
राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग गिरने से हुए हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई. इस हादसे का दर्द एक परिवार पर सबसे गहरा पड़ा है. परिवार के दोनों बच्चों की मौत हो गई. अब दोनों बच्चों की मां का विलाप कलेजा चीर रहा है. एनडीटीवी की रिपोर्टर ने इस परिवार के लोगों से बात की है. उन्होंने बताया कि घटना के बाद से ही मां की हालत खराब है और वह अस्पताल में भर्ती है.
जानकारी के मुताबिक सात साल के कान्हा और उनकी बड़ी बहन मीना की इस हादसे में हो गई है और उनके पिता छोटूलाल का आंगन सूना हो गया है. घर में मातम पसरा हुआ है और दोनों माता-पिता की हालत खराब है. एक ओर जहां मां अस्पताल में भर्ती है वहीं पिता का भी रो-रो कर हाल बुरा है.
बच्चों के पिता ने बताया कि वह अपने दोनों बच्चों को स्कूल छोड़कर आया ही था और मां उनका टिफिन बना रही थी कि अचानक ही उन्होंने एक अवाज सुनी और वह भागे-भागे स्कूल की ओर गए. जब उन्होंने देखा की स्कूल की छत गिर गई है तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया और वह वहीं बेहोश हो गए. उनकी आंखों के सामने ही उनकी दुनिया उजड़ गई.
स्कूल के टीचर्स पर क्यों उठ रहे सवाल
जानकारी के मुताबिक, स्कूल में ही पढ़ने वाली एक बच्ची ने बताया कि जब सब बच्चे क्लास में थे तो अचानक ही छत से मलबा गिरने लगा था और उन्होंने टीचर से कहा कि हमें बाहर जानें दो. हालांकि, टीचर ने मना कर दिया और फिर कुछ ही मिनटों में स्कूल की छत गिर गई. बच्ची ने बताया कि वह उस वक्त टॉयलेट में थी और इस वजह से बच गई. वहीं उसने ये भी बताया कि क्लास के 5-6 बच्चे बाहर ग्राउंड में थे और इस वजह से वो भी बच गए. ऐसे में टीचर्स पर सवाल खड़े हो रहे हैं.